केंद्रीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोटों को बदलने, जमा करने की समय सीमा 30 सितंबर, 2023 से बढ़ाकर 7 अक्टूबर, 2023 कर दी है। आरबीआई की ओर से जारी बयान के मुताबिक मई से 29 सितंबर तक बैंकों में लगभग 3.42 लाख करोड़ रुपये के 2000 रुपये के नोट वापस आ गए। यह इस मूल्यवर्ग में प्रचलित मुद्रा का 96 प्रतिशत हिस्सा है। बता दें कि मई महीने में रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का ऐलान किया था।
7 अक्टूबर के बाद क्या होगा: रिजर्व बैंक की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि नई डेडलाइन खत्म होने के बाद यानी 8 अक्टूबर 2023 से 2000 रुपये के बैंक नोटों को जमा/बदलने की प्रक्रिया बंद कर दी जाएगी। ऐसे में अगर आपके पास 2000 रुपये के नोट पड़े रहते हैं तो संभव है कि वह महज कागज का टुकड़ा बनकर रह जाए।
एक बार में 2000 रुपये के बैंकनोट 20,000 रुपये की अधिकतम सीमा तक बदली जा सकती है। आप रिजर्व बैंक के 19 कार्यालयों में इंडिया पोस्ट के माध्यम से 2000 रुपये के बैंक नोट भी भेज सकते हैं। इन कार्यालयों में से किसी में भी 2000 के बैंक नोट बिना किसी सीमा के जमा किए जा सकते हैं।
बैंक ने मना किया तो करें शिकायत: अगर 7 अक्टूबर तक कोई बैंक 2000 रुपये के बैंक नोटों को बदलने या जमा स्वीकार करने से इनकार करता है, तो आप रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर इसकी शिकायत कर सकते हैं। यदि बैंक शिकायत दर्ज करने के 30 दिनों के भीतर जवाब देने में विफल रहता है या शिकायतकर्ता बैंक की प्रतिक्रिया या समाधान से असंतुष्ट रहता है तो ग्राहक इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकता है। ग्राहक रिजर्व बैंक के लोकपाल से शिकायत दर्ज करा सकता है।
क्यों वापस लिए जा रहे नोट
नवंबर 2016 में नोटबंदी के वक्त आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 24(1) के तहत 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंकनोट पेश किए गए थे। इसका मकसद तब प्रचलन में सभी 500 रुपये और 1000 रुपये के बैंक नोटों के डीमोनेटाइज होने के बाद अर्थव्यवस्था की मुद्रा आवश्यकताओं को जल्दी से पूरा करना था। इस मकसद को प्राप्त करने के बाद और अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की मजबूत उपस्थिति को देखते हुए वर्ष 2018-19 में 2000 रुपये के बैंक नोटों को बनाना बंद कर दिया गया।