चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के बाद अब भारत आज पहली बार सूर्य के ऑर्बिट पर जाएगा. कुछ ही घंटों में इसरो का सूर्य मिशन आदित्य-L1 ऑर्बिट तक पहुंच जाएगा और तपते-जलते सूरज को ‘नमस्ते’ कहेगा. देश का पहला सोलर मिशन आदित्य-L1 आज शाम 4 बजे तक अपने लक्ष्य पर पहुंच सकता है. इसरो आज आदित्य-L1 को फाइनल कमांड देगा, जिसके बाद वह सूर्य के काफी करीब पहुंच जाएगा और सूरज की किरणों पर रिसर्च करेगा.
इसरो (ISRO) के मुताबिक अभी तक हम धरती से ही टेलिस्कोप के जरिए सूरज पर रिसर्च-स्टडी कर रहे थे. लेकिन इससे सूर्य की किरणों की जानकारी नहीं मिल पाती थी. सोलर मिशन सक्सेसफुल हुआ तो भारत यह जान पाएगा कि सूरज की किरणों का तापमान कितना है? सूरज इतना गर्म क्यों है और इसका तापमान कितना है? लेकिन टारगेट पर पहुंचने के बाद दूसरा चैलेंज होगा सूर्य की तपिश को बर्दाशत करना और आदित्य-L1 थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम यानी हीट शील्ड की वजह से तपिश से बच जाएगा. हीट शील्ड कार्बन फोम से बनी है। कार्बन सूर्य की तपिश को रोककर आदित्य-L1 को जलने से बचाएगी.
इसरो के मुताबिक आदित्य-L1 धरती और सूरज के बीच दूरी के 10वें हिस्से तक ही जाएगा. मिशन सफल रहा तो अगले लगभग 5 साल तक आदित्य-L1 सूरज की किरणों पर रिसर्च करके डाटा भेजेगा. इसरो पहली बार सूर्य के ऑर्बिट में पहुंचने का प्रयास कर रहा है, हालांकि इसरो का कहना है कि आदित्य-L1 की स्पीड को काबू करना चुनौतीपूर्ण होगा. उसका रास्ता बदलने के लिए उसमें लगे थ्रस्टर को फायर किया जाएगा. पहली बार में ही फायर करना सफल होना चाहिए. दूसरी बार करने पर इसके क्रैश होने का डर है. इसलिए बहुत सावधानी बरतनी होगी.
बता दें कि 2 सितंबर 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से आदित्य-L1 को लॉन्च किया गया था. जो 15 लाख किलोमीटर का सफर पूरा करके आज अपने टारगेट पर पहुंचेगा.