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शरद पूर्णिमा को इन नामों से भी जानते हैं
इस साल चंद्र ग्रहण हिंदू पर्व शरद पूर्णिमा के दिन लग रहा है। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा या कौमुदी पूर्णिमा भी कहते हैं, जो कि आश्विन मास के पूर्ण चंद्रमा के दिन पड़ती है।
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चंद्र ग्रहण की अवधि व समय
28-29 अक्टूबर की मध्यरात्रि को भारत में चंद्रग्रहण देखा जा सकेगा। ग्रहण की अवधि 01 घंटा 19 मिनट की है। ग्रहण 29 अक्टूबर की मध्य रात्रि 01 बजकर 05 मिनट पर प्रारंभ होगा और देर रात 02 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा। सूतक काल शनिवार को दोपहर 04 बजकर 13 मिनट पर प्रारंभ होगा।
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तिरुमाला मंदिर, तिरुपति
तिरुमाला मंदिर, तिरुपति: आंध्र प्रदेश में स्थित तिरुमाला मंदिर भी 28 अक्टूबर को ग्रहण के कारण बंद रहेगा। शाम 07 बजे के बाद किसी श्रद्धालु को प्रवेश नहीं मिलेगा।
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बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन
बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन: 28 अक्टूबर को दोपहर 03:25 बजे के बाद आरती की जाएगी, फिर 03:30 बजे मंदिर बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद ठाकुर जी के दर्शन के लिए भक्तों को अगले दिन 29 अक्टूबर, शनिवार का इंतजार करना होगा।
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महाकाल मंदिर, उज्जैन
महाकाल मंदिर, उज्जैन: सूतक काल शनिवार को 04 बजकर 13 मिनट से प्रारंभ होगा। इस अवधि के बाद भक्त केवल मंदिर के बाहर से ही दर्शन कर पाएंगे। 29 अक्टूबर को सुबह 04 बजे साफ-सफाई के बाद भस्म आरती के लिए कपाट खोले जाएंगे।
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श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर में ग्रहण काल के दो घंटे पहले कपाट बंद करने की परंपरा है।
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इस मंदिर के खुले रहेंगे कपाट
आंध्र प्रदेश स्थित श्रीकालाहस्ती मंदिर के अलावा देश के सभी मंदिरों के कपाट ग्रहण के दौरान बंद रहेंगे। आपको बता दें कि श्रीकालाहस्ती मंदिर देश का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां राहु-केतु की पूजा की जाती है।
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द्वारकाधीश मंदिर मथुरा का बदलेगा समय
द्वारकाधीश मंदिर मथुरा: 28 अक्टूबर को ग्रहण काल में भगवान द्वारिकाधीश भक्तों को दर्शन देंगे। हालांकि 28 अक्टूबर को भगवान द्वारकाधीश के दर्शन का समय बदल जाएगा। मंगला श्रृंगार और ग्वाल अपने समय पर होंगे। राजभोग के दर्शन 10 बजे से 10:30 बजे, उत्थापन के दर्शन 3 बजे से 3:15 तक, भोग संध्या आरती 4 से 4:15 तक और शयन के दर्शन 5 बजे से 5:30 तक होंगे।
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किस समय अपने चरम पर होगा चंद्र ग्रहण
आज देर रात 01 बजकर 44 मिनट पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण अपने चरम पर होगा।