विधानसभा आम चुनाव-2023 के मद्देनजर राज्य में चुनाव आचार संहिता लगने के बाद से अब तक 692.36 करोड़ रुपए मूल्य की अवैध नगदी, शराब और अन्य सामग्री जब्त की गई। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राजस्थान में 690 करोड़ रुपये की नकदी, शराब, मादक पदार्थ और मुफ्त में दिया जाने वाला सामान जब्त किया गया। इनका इस्तेमाल मतदाताओं को लुभाने के उद्देश्य से किया जाना था। चुनाव में धन-बल का दुरुपयोग रोकने के लिए निर्वाचन आयोग ने अभूतपूर्व काम किए।
गत नौ अक्टूबर से लगी आदर्श आचार संहिता के दौरान निर्वाचन विभाग के निर्देश पर गठित एफएस, एसएसटी एवं अन्य एन्फोर्समेंट एजेंसियों द्वारा कड़ी निगरानी और निरंतर प्रयासों से राज्य में 692.36 करोड़ रुपए मूल्य की अवैध नकदी, शराब और अन्य सामग्री जब्त की गई। आयोग ने कहा कि आंकड़े 2018 में राजस्थान में पिछले चुनावों की तुलना में 970 प्रतिशत अधिक हैं। नकदी, शराब, मादक पदार्थ, कीमती धातु और मुफ्त में दिया जाने वाले अन्य सामान की जब्ती में वृद्धि देखी गई है।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि सी-विजिल एप का व्यापक स्तर पर उपयोग करते हुए आमजन ने शिकायतें दर्ज कराईं। इनमें से अधिकांश का 100 मिनट के नियत समय में निस्तारण किया गया। शनिवार पूर्वाह्न ग्यारह बजे तक प्राप्त 20 हजार 298 शिकायतों में से 20 हजार 245 का निस्तारण किया गया जबकि 53 शिकायतों का निस्तारण प्रक्रियाधीन है।
सबसे अधिक 3889 शिकायतें जयपुर, 2002 कोटा जिले से और सबसे कम 68 शिकायतें जैसलमेर एवं 90 शिकायतें बांसवाड़ा जिले से प्राप्त हुईं। इनमें सबसे अधिक शिकायतें बिना अनुमति लगे पोस्टर और बैनर से संबंधित थी। सुविधा पोर्टल के माध्यम से राजनीतिक दलों को डोर-टू-डोर अभियान, हेलिकॉप्टर, वीडियो वैन, नुक्कड़ सभाओं, रैली, वाहन आदि की अनुमतियों के लिए 23 हजार 407 आवेदन प्राप्त हुए, इनमें 18 हजार 313 अनुमतियां प्रदान की गई।