आठ प्रयोगशालाएं अब कोविड-19 से बचाव के लिए आवश्यक पीपीई कवरऑल के परीक्षण के लिए स्वीकृत हैं। ये हैं- (i) साउथ इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च असोसिएशन (एसआईटीआरए), कोयम्बटूर, तमिलनाडु (ii) डीआरडीओ-इनमास, नई दिल्ली, (iii) भारी वाहन निर्माणी, आवड़ी, चेन्नई, (iv) लघु आयुध निर्माणी (एसएएफ), कानपुर, उत्तर प्रदेश, (v) आयुध निर्माणी, कानपुर, उत्तर प्रदेश, (vi) आयुध निर्माणी, मुरादनगर, उत्तर प्रदेश, (vii) आयुध निर्माणी, अम्बरनाथ, महाराष्ट्र, (viii) धातु एवं इस्पात निर्माणी, ईशापुर, पश्चिम बंगाल। ये सभी प्रयोगशालाएं एनएबीएल द्वारा प्रत्यायित हैं।
परीक्षण स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 2 मार्च, 2020 को जारी तकनीकी आवश्यकताओं के अनुरूप किए जा रहे हैं। वस्त्र मंत्रालय ने 6 अप्रैल, 2020 को पीपीई कवरऑल के विनिर्माताओं के प्रत्येक पास किए गए प्रोटोटाइप नमूने के लिए विशिष्ट प्रमाणन संहिता (यूसीसी) जारी करने की विस्तृत प्रक्रिया कोजारी किया। वस्त्र मंत्रालय ने 22 अप्रैल, 2020 को इन प्रक्रियाओं को और ज्यादा तर्कसंगत बनाया।
विशिष्ट प्रमाणन संहिता (यूसीसी) का आशय विनिर्माता द्वारा जमा कराए गए प्रत्येक प्रोटोटाइप नमूने से हैं और इसे प्रत्येक निर्मित कवरऑल पर विनिर्माता के नाम, निर्माण की तिथि और ग्राहक के नाम के साथ अंकित करना होता है। इस प्रक्रिया को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा संगठनों की खरीद एजेंसी- मैसर्ज एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड द्वारा खरीद के संदर्भ में पूरी तरह कार्यान्वित किया गया है।
विनिर्माताओं के लिए अपने जमा कराए गए नमूने के साथ एक हलफनामा भी दाखिल करना पड़ता है, जिसमें विनिर्माण इकाई, जीएसटीआईएन नम्बर, कंपनी का पंजीकरण नम्बर, उद्योग आधार नम्बर या डीआईसी पंजीकरण नम्बर और अन्य उपयुक्त विवरण भी दर्ज होना चाहिए। उनको यह भी घोषणा करनी पड़ती है कि वे व्यापारी नहीं, वस्त्र विनिर्माता हैं। यह हलफनामा यूसीसी प्रमाण पत्र के विन्यास के लिए होता है।
समस्त यूसीसी प्रमाण पत्रों के विवरण डीआरडीओ, ओएफबी (ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड) और एसआईटीआरए की आधिकारिक वेबसाइट्स पर जनता की जांच पड़ताल के लिए उपलब्ध हैं।