गौतम अडानी समूह अपने एयरपोर्ट के कारोबार को अलग करने की योजना बना रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि अडानी एयरपोर्ट के कारोबार की शेयर बाजार में लिस्टिंग होगी। यह प्रक्रिया 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में होने की उम्मीद है। हालांकि, इसका आईपीओ नहीं आएगा क्योंकि कारोबार की डी-लिस्टिंग होगी। हाल ही में मुकेश अंबानी की रिलायंस ने भी डी-लिस्टिंग प्रक्रिया के तहत अपने फाइनेंशियल कारोबार- जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को अलग किया था। इस नई कंपनी की डी-लिस्टिंग प्रक्रिया के तहत शेयर बाजार में एंट्री हुई थी।
क्या है अडानी समूह का प्लान: बिजनेस लाइन की एक खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अडानी समूह वर्तमान में विकसित हो रहे व्यवसायों में से सबसे पहले अडानी एयरपोर्ट्स को अलग कर सकता है। यह कारोबार अगले 2 साल में डी-लिस्ट करने की योजना है। सूत्रों ने कहा कि कंपनी इससे पहले नवी मुंबई एयरपोर्ट के पहले चरण का काम खत्म होने का इंतजार कर रही है। इस साल जनवरी में अडानी समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी संकेत दिया था कि अडानी एंटरप्राइजेज 2025 से 2028 के बीच अपने हाइड्रोजन, एयरपोर्ट्स और डेटा सेंटर व्यवसायों को अलग कर देगा।
एयरपोर्ट कारोबार में अडानी समूह: बता दें कि एयरपोर्ट्स वर्टिकल, अडानी एंटरप्राइजेज की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी और परिवहन और लॉजिस्टिक्स व्यवसाय का हिस्सा है। यह कंपनी आठ एयरपोर्ट का संचालन करती है। वहीं, नवी मुंबई एयरपोर्ट का संचालन भी अडानी समूह की ही कंपनी करेगी। इस एयरपोर्ट के 1 दिसंबर 2024 तक चालू होने की उम्मीद है। इस तरह, अडानी समूह की झोली में कुल 9 एयरपोर्ट आ जाएंगे।
एयरपोर्ट कारोबार पर खर्च और कमाई: FY24 और FY25 में अडानी एंटरप्राइजेज, अपने एयरपोर्ट कारोबार पर लगभग 1.1 बिलियन डॉलर खर्च करेगी, जिसमें अधिकांश रकम नवी मुंबई एयरपोर्ट के निर्माण पर खर्च किया जाएगा।