हाथरस जिले के सिकंदराराऊ स्थित गांव फुलरऊ मुगलगढ़ी में मंगलवार को दर्दनाक हादसा हुआ। भोले बाबा के सत्संग कार्यक्रम में अचानक हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई। भोलेबाबा के इस कार्यक्रम में 78 लोग अयोजन समिति शामिल थे। हादसे के बाद इनमें से अधिकांश के फोन बंद हो गए। जिन लोगों से संपर्क हुआ, उन्होंने भी खुलकर बोलने से इनकार कर दिया। प्रशासन की मानें तो अनुमति 80 हजार लोगों की दी गयी, परन्तु वहां भीड़ अधिक जमा हो गई। सत्संग में प्रशासन ने 80 हजार लोगों की भीड़ की अनुमति दी थी, लेकिन यहां लाखों की भीड़ एकत्रित हो गई। घटना स्थल पर मंगलवार की रात पहुंचे डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि अनुमति केवल 80 हजार की थी। भीड़ इतनी किस तरह से एकत्रित की गई। इसकी जांच होगी।
कई दिनों से चल रही थी तैयारियां:
लोगों की माने तो भोले बाबा के संत्सग की तैयारियां कोई एनवक्त नहीं हुई। पिछले पन्द्रह दिनों से कार्यक्रम स्थल की साफ सफाई का दौर चल रहा था। भोले बाबा के अनुयाई खुद मैदान को आकर साफ कर रहे थे। इस कार्यक्रम में भोले बाबा के अनुयाईयों के साथ में पुलिस से ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था रहती है। भोले बाबा की सुरक्षा में लगे भक्तों का एक ड्रेस कोड है।
पुलिस प्रशासन के अफसर नहीं थे मौजूदः
पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों की माने तो अस्सी हजार लोगों की अनुमति थी, लेकिन हैरत इस बात की है कि इतनी बड़ी संख्या में जीटी रोड पर भीड़ जमा होने का न्यौता देने के बाद पुलिस प्रशासन के कोई आला अधिकारी कार्यक्रम स्थल पर मुस्तैद नजर नहीं आये। जबकि कम से कम चार पुलिस उपाधीक्षक, एसडीएम के अलावा काफी संख्या में पुलिस बल तैनात रहना था, लेकिन प्रशासन ने चंद पुलिसकर्मियों के अस्सी हजार लोगों की सुरक्षा हवाले कर डाली