Holashtak 2024 : बाजार पर होली का खुमार धीरे-धीरे आने लगा है।लेकिन होली से आठ दिन पहले लगने वाले होलाष्टक इस बार 17 मार्च से लगेंगे। होलाष्टक में किसी तरह के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। साथ ही 14 मार्च से सूर्य देव के मीन राशी में प्रवेश करने से खरमास भी शुरु हो गया है। ऐसे में एक माह तक विवाह,गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी। होलाष्टक 25 मार्च को समाप्त होंग। जबकि 13 अप्रैल को खरमास की समाप्ति होगी।
आचार्य अमित भारद्वाज ने बताया कि होली से आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाते हैं। ऐसे में किसी तरह के मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। इन दिनों में दान,पुण्य व पूजा का विशेष महत्व होता है। इसके साथ ही काशी पंचांग के अनुसार सूर्य देव कुंभ राशी ने निकलकर 14 मार्च की रात्री 12.24 बजे मीन राशी में प्रवेश कर चुके हैं। इसके साथ ही खरमास की भी शुरुआत हो गई है। सूर्य देव मीन राशी में 13 अप्रैल की रात्री 9.03 बजे तक रहेंगे। इसके बाद मेश राशि में प्रवेश करने पर खरसाम का समापन होगा। खरमास में शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि मांगलिक काम नहीं की मनाही होती है।
होलाष्टक में देवी देवताओं की पूजा का विशेष महत्व– पंचाग के अनुसार होलिका दहन से पहले आठ दिन पहले होलाष्टक की शुरुआत होगी। जिसका समापन 25 मार्च को होगा। फाल्गुन अष्टमी से होलिका दहन तक शुभ कार्यों की मनाही होती है। लेकिन मान्यताओं के अनुसार इन दिनों में देवी देवातओँ की अराधना से विशेष फल प्राप्त होता है।
-ये काम करने श्रेयष्कर– आचार्य अमित भारद्वाज ने बताया कि खरमास व होलाष्टक में दान, जप-तप, गुरु, गौ माता के सेवा, तीर्थ यात्रा, भगवान सूर्य की उपासना फलदायी मानी गई है।