केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण और आवश्यक 12 खनिजों पर रॉयल्टी की दरों के प्रस्ताव को गुरुवार को स्वीकृति प्रदान की। इसके साथ ही अब सरकार देश में इन खनिजों की खानों के पट्टे पहली बार नीलाम कर सकेगी।
सरकार की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार, इन 12 खनिजों पर रॉयल्टी की दरें दो, तीन और चार प्रतिशत के दायरे में रखी गयी हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की गुरुवार को हुयी बैठक में खान एवं खनिज (विकास एवं विनिमयन) अधिनियम 1957 की दूसरी अनुसूची में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूर करते हुये, इन 12 महत्वपूर्ण खनिजों के खनन पर रायल्टी की विशिष्ट दरें निर्धारित करने का निर्णय किया।
इन खनिजों में बीरीलियम, कैडमियम, कोबाल्ट, गैलियम, इंडियम, रेनियम, सेलेनियम, टैन्टैलम, टेल्लुरियम, टिटैनियम, टंगस्टन और वैनैडियम शामिल हैं।
इस फैसले से रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण और आवश्यक सभी 24 खनिजों पर रॉयल्टी की दरों को तर्कसंगत बनाने की कवायद पूरी हो चुकी है। इससे पहले, सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में लीथियम, नियोबियम और रेयरअर्थ तत्वों पर रॉयल्टी के दरें निर्धारित की थीं। इसी तरह, 15 मार्च 2022 को ग्लाउकोनाइट, पोटाश, मॉलिब्डेनम और प्लेटिनम समूह के चार महत्वपूर्ण खनिजों पर रॉयल्टी की दरें अधिसूचित की थीं।
खान एवं खनिज (विकास एवं विनिमयन) संशोधन अधिनियम 2023 की प्रथम अनुसूची के खंड-डी में 24 खनिजों को अति-महत्वपूर्ण रणनीतिक खनिज के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इस संशोधित अधिनियम के तहत इन 24 खनिजों की खान के पट्टे और समग्र लाइसेंस नीलामी के जरिये आवंटित किये जाने का प्रावधान है।
खान एवं खनिज अधिनियम के तहत विभिन्न खनिजों पर रॉयल्टी के दरें निर्धारित की जाती
हैं और जिन खनिजों पर कोई दर निर्धारित नहीं होती है, उन पर रॉयल्टी की दर औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) के 12 प्रतिशत के बराबर मानी जाती है।