नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम के कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या मामले की ‘स्वत: संज्ञान’ सुनवाई करते हुए मंगलवार को 10 सदस्यीय एक नेशनल टास्क फोर्स (एनटीएफ) का गठन किया।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ अपना आदेश सुनाते हुए कहा कि यह टास्क फोर्स चिकित्सा से संबंधित पेशेवरों की सुरक्षा,भलाई और अन्य संबंधित मामलों पर गौर करेगी।
शीर्ष अदालत की निगरानी वाला यह टास्क फोर्स चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नेशनल प्रोटोकॉल तैयार करेगा। इस टास्क फोर्स देश के जाने-माने वरिष्ठ चिकित्सकों के अलावा सरकार के कई प्रमुख वरिष्ठ अधिकारी पदेन सदस्य होंगे।
एनटीएफ के सदस्यों में सर्जन वाइस एडमिरल आर सरीन, डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी, डॉ. एम श्रीनिवास, डॉ. प्रतिमा मूर्ति, डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी, डॉ सौमित्र रावत, प्रोफेसर अनीता सक्सेना, प्रमुख कार्डियोलॉजी, एम्स दिल्ली, प्रोफेसर पल्लवी सप्रे, डीन ग्रांट मेडिकल कॉलेज मुंबई, डॉ पद्मा श्रीवास्तव, न्यूरोलॉजी विभाग, एम्स, राष्ट्रीय शामिल होंगे।
भारत सरकार के कैबिनेट सचिव, भारत सरकार के गृह सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष, राष्ट्रीय परीक्षक बोर्ड के अध्यक्ष इसके पदेन सदस्य होंगे।
शीर्ष अदालत ने कोलकता में हुई इस भयावह घटना के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अलावा पश्चिम बंगाल सरकार से अलग-अलग जांच प्रगति विवरण 22 अगस्त तक पेश करने मंगलवार को निर्देश दिया।
पीठ ने मामले की जांच कर रही सीबीआई को जांच की प्रगति विवरण 22 अगस्त 2024 अदालत में पेश करने का निर्देश दिया।
इसके अलावा आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर की कथित हत्या के बाद वहां 14-15 अगस्त को हुई तोड़फोड़ घटनाओं की जांच प्रगति का विवरण पश्चिम बंगाल सरकार को 22 अगस्त तक प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार के कथित सुस्त और लापरवाह रवैए के लिए फटकार लगाई।
शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य सरकार को सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहिए।अदालत ने कहा कि आरजी कर अस्पताल में उपद्रव करने वाले आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
शीर्ष अदालत ने 18 अगस्त 2024 को ‘स्वत: संज्ञान’ मामला दर्ज किया था।
नौ अगस्त 2024 को अस्पताल की ड्यूटी के दौरान महिला डॉक्टर के साथ कथित तौर पर शर्मशार करने वाली घटना हुई थी। इस मामले को लेकर चल रहे देशव्यापी डॉक्टरों के आंदोलन के दौरान 14-15 अगस्त की दरमियानी रात उसी सरकारी मेडिकल कॉलेज-अस्पताल पर अज्ञात लोगों की भीड़ ने हमला किया, जिसमें उसकी इमरजेंसी वार्ड को काफी नुकसान पहुंचाया गया था।
महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की कथित हत्या के इस मामले के विरोध में कोलकाता, दिल्ली समेत देशभर के डॉक्टर लगातार जगह-जगह धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
इसी बीच कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को महिला डॉक्टर के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच करने का निर्देश दिया था।
सीबीआई ने दिल दहलाने वाली घटना में उस मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष से भी पूछताछ की है।
कोलकाता पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया था।
उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई मामले की जांच में जुटी हुई है।