सोमालिया के समुद्री डाकुओं द्वारा हाइजैक किए मछुआरों को भारतीय नौसेना ने छुड़ाने का काम शुरू कर दिया है। समुद्री लुटेरों से लोहा लेने के लिए भारतीय नौसेना का युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा अरब सागर में भेजा गया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कोच्चि से लगभग 700 समुद्री मील पश्चिम में सोमालिया के समुद्री डाकुओं का सामना करने के लिए लिए नौसेना के युद्धपोत को भेजा गया है। अधिकारियों के मुताबिक, ईरानी मछली पकड़ने वाली नौका एमवी इमान को सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने हाइजैक कर लिया था। जहाज कप्तान समेत 17 क्रू के सदस्य सवार हैं।
भारत ने बढ़ाई समुद्र में निगरानी
भारतीय नौसेना ने भारत जाने वाले व्यापारिक जहाजों पर हाल के हमलों के मद्देनजर अशांत क्षेत्र में निगरानी काफी हद तक बढ़ा दी है। भारतीय नौसेना ने लगभग 10 युद्धपोतों वाले कार्य समूहों को निगरानी के लिए तैनात किया है। हाल ही में 7 अक्टूबर को इजरायल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद ईरान समर्थित यमन का हूती मिलिशिया लाल सागर में मिसाइलों और ड्रोन के साथ व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहा है। हूती विद्रोहियों ने हमास के लिए अपना समर्थन घोषित किया है। हमलों के बाद कई शिपिंग कंपनियों ने लाल सागर में अपने परिचालन को निलंबित कर दिया है, जिससे नाविकों को रास्ता बदलने और अफ्रीका के दक्षिणी सिरे के आसपास लंबे रास्ते अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
श्रीलंका को भी किया ममद का वादा
समुद्री लुटेरों पर कर्रावाई के लिए भारत ने पहले भी वादा किया है। भारत ने सोमाली समुद्री लुटेरों द्वारा बंधक बना लिये गए श्रीलंकाई मछुआरों को छुड़ाने में मदद करने का वादा किया। श्रीलंका की नौसेना ने रविवार को यह जानकारी दी। नौका लॉरेंजो पुथा-4 मछली पकड़ने के लिए कई दिनों की यात्रा पर 16 जनवरी को श्रीलंका के दिकोविटा बंदरगाह से रवाना हुई थी।
श्रीलंका की नौसेना के प्रवक्ता गायन विक्रमसूर्या ने बताया कि श्रीलंका ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय समुद्री कमान को मोगादिशू से दक्षिण पूर्व में करीब 840 नॉटिकल मील की दूरी पर सोमाली समुद्री लुटेरों द्वारा छह मछुआरों और उनकी नौका को कब्जा में ले लेने की सूचना दी थी। उन्होंने कहा कि भारत ने इन मछुआरों को मुक्त कराने में श्रीलंका की मदद करने का वादा किया है। श्रीलंका के मत्स्यिकी राज्य मंत्री पियाल निशांत ने संवाददाताओं को बताया कि समुद्री लुटेरों ने बंधक बनाये गये मछुआरों को मत्स्यिकी मंत्रालय से बातचीत करने की अनुमति दी है।