इस्लामाबाद, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के पैनल ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान से ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए) के 19 करोड़ पाउंड के कुख्यात निपटान मामले में चार घंटे तक पूछताछ की।
मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है। रिपोर्ट के मुताबिक पैनल ने एक प्रश्नावली जारी की, जिसमें दस्तावेजी साक्ष्य द्वारा समर्थित उत्तर मांगे गये।
सूत्रों ने बताया कि पैनल ने धन हस्तांतरण, कैबिनेट मंजूरी, अल-कादिर ट्रस्ट के लिए भूमि आवंटन और दान के रिकॉर्ड के बारे में पूछताछ सहित मामले से संबंधित कई सवाल पूछे
सूत्रों के मुताबिक, पीटीआई प्रमुख ने एनएबी को बताया कि एनसीए से जुड़ी पूरी प्रक्रिया की देखरेख उनके पूर्व सहयोगी शहजाद अकबर कर रहे थे। श्री खान ने कहा कि इस प्रक्रिया में उनकी कोई सीधी भागीदारी नहीं थी, क्योंकि उन्हें मौखिक जानकारी दी गयी थी।
‘जियो न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पीटीआई प्रमुख ने कहा कि आगे की जांच के लिए अकबर को लंदन से तलब किया जाना चाहिए।
सूत्रों ने श्री खान के हवाले से बताया कि अल-कादिर विश्वविद्यालय ट्रस्ट के दृष्टिकोण से आध्यात्मिक रूप से प्रेरित होने के कारण टाइकून ने इसकी स्थापना के लिए भूमि दान की थी।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एनएबी ने शुरुआत में श्री खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी दोनों को सात जून तलब किया था, लेकिन उन्होंने स्थगन का अनुरोध किया। इसके बाद एनएबी की टीम ने पीटीआई प्रमुख को समन भेजने की तारीख आठ जून तय की, जबकि बुशरा बीबी को 13 जून को समन भेजा गया।
