गाजा पर जारी इजरायली हमलों के चलते फिलिस्तीन में मरने वाले लोगों की संख्या 10 हजार को पार कर गई है। इसे लेकर अरब देशों समेत दुनिया भर के इस्लामिक मुल्कों में गुस्सा है। हालांकि पाकिस्तान इस मसले पर अरब देशों के रवैये से भी खुश नहीं है। पाकिस्तान के सबसे बड़े अखबार डॉन के संपादकीय में बुधवार को लिखा गया कि फिलिस्तीनी मारे जा रहे हैं और अरब देश हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। पाकिस्तानी अखबार ने लिखा कि इजरायल खून का प्यासा है और हर दिन सैकड़ों लोग मारे जा रहे हैं। इसके बाद भी अरब देश चुप बैठे हैं।
अखबार लिखता है, ‘गाजा के लोगों को खाना, पानी, ईंधन और दवा तक नहीं मिल रही हैं। यह 21वीं सदी का होलोकास्ट चल रहा है। विडंबना है कि यह अत्याचार वही कर रहे हैं, जो खुद होलोकास्ट का शिकार होने की बात करते रहे हैं। गाजा और फिलिस्तीन के दूसरे हिस्सों में जिंदगी गुजारना अब किसी बुरे सपने सा हो गया है। हमास के हमले से पहले भी यही स्थिति थी, लेकिन अब तो फिलिस्तीन के लोग अब तो अस्तित्व के संकट से ही जूझ रहे हैं।’ डॉन लिखता है कि तेल अवीव के इरादों का इससे ही पता चल जाता है कि उसके मंत्री तो गाजा में परमाणु बम गिराने की बात कर रहे हैं।
यही नहीं पाकिस्तानी मीडिया ने इस मामले में अरब देशों की चुप्पी पर तीखा सवाल उठाया है। अखबार लिखता है, ‘बोलिविया और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों ने नैतिकता दिखाते हुए अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है। इन देशों ने संकट की घड़ी में साहस दिखाया है और साबित किया कि वे फिलिस्तीन की जनता के साथ खड़े हैं।’ इसके आगे डॉन पूछता है कि आखिर ऐसे संकट में अरब देश कहां हैं। अखबार लिखता है, ‘आखिर अरब और मुस्लिम वर्ल्ड ने क्या किया? इन लोगों ने हमेशा की तरह उदासीन रुख अपनाया। सिर्फ बयान जारी किए और वह भी लंबे नफा-नुकसान देखने के बाद किया।’