चिकित्सा क्षेत्र में तरक्की होने के बावजूद,कई लोग कैंसर को मौत का फरमान मानते हैं। कैंसर रोगी अक्सर अपनी बीमारी का पता चलते ही जीवन से निराश हो जाते हैं। ऐसा ज्यादातर कैंसर के प्रति लोगों के बीच फैली गलतफहमियों की वजह से होता है। आज ज्यादातर लोग कैंसर को एक लाइलाज बीमारी के नाम से जानते हैं। लोग कैंसर रोग को दर्दनाक मौत के रूप देखते और समझते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कैंसर से पीड़ित होने का मतलब यह नहीं है कि आप बच नहीं सकते। चिकित्सा विज्ञान में प्रगति और नए उपचारों की वजह से आज कई लोग कैंसर को मात देकर स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।
सनराइज ऑन्कोलॉजी सेंटर में ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर परीक्षित जयप्रकाश, कहते हैं कि कैंसर जीवन को प्रभावित करने वाली एक गंभीर बीमारी है, जिसके बारे में कई मिथक और भ्रांतियां मौजूद हैं। इन गलतफहमियों को दूर करके ही इस बीमारी के बारे में बेहतर तरीके समझा और इसका इलाज किया जा सकता है।
मिथक 1: कैंसर का मतलब है मौत-
कैंसर से पीड़ित होने का मतलब यह नहीं है कि आप बच नहीं सकते। चिकित्सा विज्ञान में प्रगति और नए उपचारों की वजह से कई लोग कैंसर को मात देकर स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। जल्दी पता लगाना, सही इलाज और परिवार व दोस्तों का सहयोग मिलने से बीमारी से लड़ने की ताकत मिलती है और मरीजों का जीवन बचाया जा सकता है।
मिथक 2: सिर्फ धूम्रपान करने वालों को ही फेफड़ों का कैंसर होता है-
हालांकि धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि सिर्फ धूम्रपान करने वालों को ही यह बीमारी होती है। धूम्रपान का धुआं सूंघने, हवा में मौजूद हानिकारक तत्व और आनुवंशिक कारणों से भी कभी धूम्रपान न करने वालों को भी फेफड़ों का कैंसर हो सकता है। इन गलतफहमियों को दूर करना जरूरी है ताकि कैंसर को रोकने और उसका इलाज करने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जा सकें।
मिथक 3: कैंसर छूने से फैलता है-
आम धारणा के विपरीत,कैंसर छूने से या रोगी के बर्तन इस्तेमाल करने से नहीं फैलता है। यह जुकाम की तरह नहीं फैलता। कैंसर के मरीजों के साथ सामान्य व्यवहार करना जरूरी है ताकि उनका सामाजिक बहिष्कार न हो।
मिथक 4: खास तरह के खाने से कैंसर का इलाज हो सकता है-
भले ही फल और सब्जियों से भरपूर संतुलित आहार सेहत के लिए अच्छा है, लेकिन यह सोचना गलत है कि कोई भी एक खास भोजन या सप्लीमेंट कैंसर का इलाज कर सकता है।
मिथक 5 :बायोप्सी करने से कैंसर फैलता है-
यह कैंसर रोगियों के सबसे बड़े डर में से एक डर है कि बायोप्सी करवाने से उनका कैंसर बढ़ेगा। लेकिन डॉक्टरों की मानें तो भारत में हर साल कैंसर के 14 लाख और दुनिया भर में 50 लाख से ज्यादा रोगियों का इलाज होता है। कोई भी मरीज बायोप्सी के बिना इलाज नहीं ले सकता। इस बात में जरा भी सच्चाई नहीं है कि कैंसर बायोप्सी से फैलता है। ज्यादातर मरीज लगभग 80 प्रतिशत पहले से एडवांस्ड स्टेज में पहुंच चुके होते हैं और उनमें बीमारी बायोप्सी से पहले फैली हुई होती है। प्रीसिजन मेडिसिन के युग में इलाज अक्सर लक्षित होता है, जो कैंसर सेल्स के डिटेल्ड स्टडी और उनकी अनुवांशिक संरचना को समझने के बाद ही दिया जा सकता है।