विवाह और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त शुरू, जून तक रहेंगे शुभ दिन

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हिंदू पंचांग के अनुसार 14 अप्रैल को खरमास का समापन होगा। इसके साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। खरमास की अवधि में मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, यज्ञोपवीत आदि वर्जित माने जाते हैं। लेकिन, इसके समाप्त होते ही एक बार फिर शुभ कार्यों की बहार आ जाएगी। इस बार अप्रैल से लेकर जून तक कुल 38 दिन विवाह के लिए शुभ लग्न मिल रहे हैं।

खरमास में नहीं होते शुभ कार्य

खरमास उस समय को कहते हैं जब सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करते हैं। इसे अशुभ माना जाता है, क्योंकि इस दौरान सूर्य की स्थिति कमजोर मानी जाती है। हिंदू मान्यता के अनुसार इस अवधि में शुभ कार्यों का फल अपेक्षित रूप से नहीं मिलता, इसलिए विवाह जैसे मांगलिक कार्य टाल दिए जाते हैं। खरमास समय दान-पुण्य, जप-तप और भगवान की भक्ति करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। खरमास के दौरान सूर्यदेव, बृहस्पति की राशि में प्रवेश करके, अपने गुरु की सेवा पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिससे सांसारिक कार्यों पर उसका प्रभाव कम हो जाता है।

शुभ कार्यों की होगी शुरुआत : 14 अप्रैल को सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाएगा और वैशाख मास के शुभ योग शुरू हो जाएंगे। इसके बाद विवाह योग्य जातकों के लिए उपयुक्त मुहूर्त शुरू हो जाएंगे। पंडितों और पंचांग विशेषज्ञों के अनुसार 14 अप्रैल से 30 जून तक कुल 38 दिन शुभ लग्न रहेंगे, जिनमें विवाह करना अत्यंत शुभ रहेगा। इनमें सबसे अधिक मुहूर्त मई महीने में पड़ रहे हैं।

कुछ प्रमुख शुभ तिथियां :

अप्रैल : 14 से 21 तक लगातार लग्न है। 25, 26, 29 और 30।

मई : 1, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24 और 28।

जून : 1, 2, 3, 5, 6 और 7।

विवाह के लिए गुरु-शुक्र व सूर्य की शुभता जरूरी

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह संस्कार के शुभ योग के लिए गुरु, शुक्र और सूर्य का शुभ होना जरूरी है। खरमास के बाद विवाह के लिए 22 दिन शुभ मुहूर्त है।

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