स्वतंत्र भारत की कुंडली में लग्न के अनुसार देखा जाए तो शुक्र लग्न एवं छठे भाव के कारक होकर लग्न भाव में गोचर आरंभ करेंगे। परिणाम स्वरुप भारत के व्यापारिक गतिविधियों में सुधार की स्थिति बन सकती है। आर्थिक पक्ष मजबूत बना रहेगा। भारत का वर्चस्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक रूप से बना रहेगा। राष्ट्र के कलाकारों के लिए अनुकूल समय होगा । कला, फ़िल्म आदि क्षेत्र के लिए समय अनुकूल प्रद रहेगा। आम जनमानस के सुख में वृद्धि होगी । आम जनमानस के मध्य हर्षोल्लास का वातावरण उत्पन्न होगा। महिलाओं के वर्चस्व में वृद्धि होगा। महिलाओं की प्रतिभा उभर कर बाहर आएगी। शुक्र के परिवर्तन का कन्या से लेकर मीन राशि के प्रत्येक व्यक्तियों पर निम्न व्यापक प्रभाव दिखाई दे सकता है।
कन्या :- धनेश एवं भागेश होकर भाग्य भाव में स्वगृही गोचर आरंभ करेगा। परिणाम स्वरूप कार्यों में भाग्य का साथ प्राप्त होगा। पिता के सहयोग सानिध्य में वृद्धि होगी। कलात्मक क्षेत्र से जुड़े लोगों की अचानक प्रगति होगी। सामाजिक पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। धन संबंधित कार्यों में प्रगति होगा। घर में मांगलिक कार्य की संभावना बनेगी । वाणी व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल प्रद रहेगा।
तुला :- लग्नेश एवं अष्टमेश होकर अष्टम भाव में गोचर आरंभ करेंगे । ऐसे में लग्न भंग योग का निर्माण होगा । परिणाम स्वरूप मनोबल में अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है । स्वास्थ्यगत समस्याएं कार्यों में अवरोध उत्पन्न कर सकती हैं। पेट एवं पेशाब की समस्या के कारण कष्ट हो सकता है। फिर भी कार्यों में मन लगेगा । अचानक धन लाभ की प्राप्ति होगी । वाणी व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल रहेगा। परिवार में सकारात्मक कार्य होने की संभावना बनेगी।
वृश्चिक :- सप्तमेश एवं व्ययेश होकर सप्तम भाव में गोचर करेंगे। परिणाम स्वरूप आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा। दैनिक आय में वृद्धि होगी। जीवनसाथी से लाभ की संभावना बनेगी । वैवाहिक कार्यक्रमों में सफलता मिल सकती है । प्रेम संबंधों में सुधार की संभावना है। भोग विलासिता के लिए समय अनुकूल रहेगा। घूमने फिरने तथा यात्रा की स्थिति उत्पन्न होगी । कलात्मक रुचि रखने वाले लोगों के लिए समय प्रगति कारक हो सकता है।
धनु :- रोगेश एवं लाभेश होकर छठे भाव में गोचर करेंगे। परिणाम स्वरूप आंतरिक कष्ट की संभावना। पेशाब संबंधित समस्या में वृद्धि। अति घनिष्ठ व्यक्ति से तनाव की स्थिति । आर्थिक गतिविधियों में सामान्य अवरोध की स्थिति । व्यापारिक गतिविधियों में देरी अथवा तनाव की स्थिति। दूरस्थ यात्रा पर खर्च की स्थिति । प्रतियोगी परीक्षाओं में विजय की स्थिति। भोग विलासिता पर खर्च में वृद्धि। आर्थिक लाभ के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ेगा।
मकर :- पंचमेश एवं दशमेश होकर पंचम भाव में गोचर आरंभ करेंगे। परिणाम स्वरूप संतान पक्ष से शुभ समाचार प्राप्त होगा । बुद्धिमत्ता के आधार पर आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि करेंगे। डिग्री एवं शिक्षा क्षेत्र में प्रगति की स्थिति बनेगी। सामाजिक पद प्रतिष्ठा एवं सम्मान में वृद्धि होगा। नौकरी तथा व्यवसाय में सकारात्मक परिवर्तन होगा। कलात्मकता में वृद्धि होगी। अचानक धन लाभ की प्राप्ति की संभावना बनेगी।
कुम्भ :- सुखेश एवं भाग्येश होकर सुख भाव में मालव्य नमक पंच महापुरुष योग का निर्माण करके गोचर करेंगे । परिणाम स्वरुप गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि की स्थिति बनेगी । माता के सुख सानिध्य में वृद्धि होगा । घरेलू संसाधनों में वृद्धि होगी । जमीन जायदाद से संबंधित कार्यों में प्रगति की संभावना है। सामाजिक पद प्रतिष्ठा में परिवर्तन होगा। कार्यों में भाग्य का साथ प्राप्त होगा । रियल स्टेट के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल बना रहेगा।
मीन :- पराक्रमेश एवं अष्टमेश होकर पराक्रम भाव में गोचर आरंभ करेंगे । परिणाम स्वरुप भाई बहनों मित्रों के बीच में समय व्यतीत होगा। पुरुषार्थ में वृद्धि की स्थिति बनेगी। सामाजिक दायरे में वृद्धि का योग बनेगा। भोग विलासिता पर खर्च की स्थिति बनेगी। पेट की समस्या एवं आंतरिक समस्या के कारण विचलन की स्थिति बनेगी। कार्यों में भाग्य का साथ प्राप्त होगा। पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।