लोहड़ी का पर्व साल 2024 में 14 जनवरी के दिन मनाया जाएगा. उत्तर भारत के इस मुख्य पर्व को पंजाब और हरियाणा में धूमधाम से मनाया जाता है. लोहड़ी को पहले तिलोड़ी के नाम से जाना जाता था. यह शब्द तिल और रोड़ी (गुड़ की रोड़ी) से बना है. तिलोड़ी समय के साथ बदलते हुए लोहड़ी बन गया और इसी नाम से प्रसिद्ध हो गया. लोहड़ी का संबंध खेत और फसल से है. इस दिन नए फसल खेतों में लगाई जाती है. लोहड़ी का पर्व फसल की बुआई और कटाई से जुड़ा है.
लोहड़ी की तिथि
ज्योतिषियों के मुताबिक, इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को पड़ रही है. लोहड़ी एक दिन पहले यानी 14 जनवरी को मनाई जाएगी. इस दिन रवि योग समेत कई बेहद शुभ योग बन रहे हैं. इन योगों में लोहड़ी मनाने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं.
शुभ योग में लोहड़ी पर्व
गर करण का निर्माण लोहड़ी के दिन सबसे पहले होने जा रहा है. इस योग का निर्माण सुबह 07:59 बजे तक रहेगा. इसके बाद सुबह 10.22 बजे से रवि योग का निर्माण होगा. यह योग 15 जनवरी सुबह 7.15 बजे तक रहेगा. इसके अलावा वणिज करण का निर्माण शाम 06 बजकर 27 मिनट से होने जा रहा है. इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12.09 बजे से दोपहर 12:51 तक रहेगा. गोधूलि बेला शाम 05:42 बजे से शाम 06:09 बजे तक है.
पंचांग
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05:27 बजे से सुबह 06:21 बजे तक.
विजय मुहूर्त – दोपहर 2.15 बजे से 2.57 बजे तक.
गोधूलि बेला – शाम 5.42 बजे से शाम 6.09 बजे तक.
निशिता मुहूर्त – रात 12:03 बजे से रात 12:57 बजे तक.