माघी पूर्णिमा पर स्नान-दान का शुभ मुहूर्त क्या है? जानें पूजा विधि और महत्व

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नई दिल्ली, माघ पूर्णिमा 12 फरवरी को है। पंचांग के अनुसार माघ पूर्णिमा की तिथि का प्रारंभ 11 फरवरी को शाम 6:55 मिनट पर हो रही है और अगले दिन यानी 12 फरवरी को शाम 07:22 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि का अधिक महत्व है। ऐसी स्थिति में 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा मनाई जाएगी। यह पूर्णिमा जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु संग लक्ष्मी जी की आराधना करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। माघी पूर्णिमा के दिन घरों में सत्यनारायण भगवान की कथा पूजा करना चाहिए। मान्यता है कि भगवान विष्णु ने माघ पूर्णिमा के दिन ‘मत्स्य अवतार धारण किया था, इसलिए यह पूर्णिमा बेहद खास मानी गई है।

महाकुम्भ न जा पाने वाले श्रद्धालु पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। माघ स्नान के दौरान पितरों का तर्पण भी किया जाता है। इससे पितर तृप्त होते हैं और पितृदोष से मुक्ति मिलती है। वहीं, प्रयागराज में एक महीना तक चलनेवाले कल्पवास का समापन होता है।

माघी पूर्णिमा पर स्नान-दान कब रहेगा शुभ: माघ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त 05:19 ए एम से 06:10 ए एम तक रहेगा। ऐसे में इस मुहूर्त में स्नान व दान करना शुभ रहेगा।

पूजा-विधि

पवित्र नदी में स्नान करें या पानी में गंगाजल मिलकर स्नान करें

भगवान श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी का जलाभिषेक करें

माता का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें

अब मां लक्ष्मी को लाल चंदन, लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान अर्पित करें

मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें

संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें

पूर्णिमा की व्रत कथा का पाठ करें

श्री लक्ष्मी सूक्तम का पाठ करें

पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें

चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें

अंत में क्षमा प्रार्थना करें

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