सर्व पितृ अमावस्या का बड़ा महत्व है। इस दिन उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्य की सही तिथि याद ना हो या किसी कारण से श्राद्ध ना कर पाए हों। पितृ पक्ष के आखिरी दिन सूर्य ग्रहण लगने के कारण लोगों को कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। चलिए जानते हैं…
सूर्य ग्रहण के दौरान तुलसी के पौधे को स्पर्श ना करें और ना ही पौधे की पूजा करें। ग्रहण के दौरान तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करने के लिए इसे पहले से तोड़कर रख लें।
सूर्य ग्रहण से पहले पके हुए भोजन और दूध-दही में तुलसी का पत्ता डाल दें। मान्यता है कि ऐसा करन से ग्रहण की नकारात्मक शक्तियों से भोजन दूषित नहीं होता है।
ग्रहण के दौरान किसी को अपशब्द ना बोलें और ज्यादा क्रोधित होने से भी बचें। ग्रहण में दूसरों का अपमान करना भी अशुभ माना जाता है।
ग्रहण के दौरान मांस-मदिरा का सेवन वर्जित माना गया है। ऐसा करने से जातक को अशुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।
ग्रहण में गरीबों या जरूरतमंदों के कुछ मांगने पर उसकी मदद जरूर करें और अपनी क्षमतानुसार अन्न-धन का दान करें।
ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ समेत मांगलिक कार्यों को वर्जित माना गया है। ग्रहण के समय गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं।
ग्रहण में भोजन नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्तियां हावी रहती हैं। इस समय में भोजन करने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।