शारदीय नवरात्र 15 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। खास बात यह है कि 30 साल बाद चित्रा नक्षत्र, बुधादित्य और वैधृति योग में इस बार नवरात्र का शुभारंभ होगा। माता के भक्तों को खुशी है कि पिछले साल की तरह मां दुर्गा इस बार भी हाथी (गज) पर सवार होकर आ रही हैं। पंडित कुंतलेश पांडेय बताते हैं कि हाथी ज्ञान, सुख-समृद्धि, उन्नति और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है। हाथी का संबंध विघ्ननहर्ता गणेश और महालक्ष्मी से भी है। इस कारण पूरे वर्ष शुभ और मांगलिक कार्यों के साथ ही पर्याप्त वर्षा भी होगी।
मां दुर्गा की प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी। नवरात्र का प्रथम दिन मंगल और शनिवार हो तो माता अश्व, बुधवार हो तो नाव, गुरुवार और शुक्रवार होने पर माता डोली में सवार होकर आती हैं। अश्व और डोली में सवारी को शुभ नहीं माना जाता है। इन दो सवारी पर आगमन से प्राकृतिक आपदाएं आती हैं। अर्थ व्यवस्था बिगड़ने लगती है। मां दुर्गा का हाथी पर आना अत्यंत शुभ और मंगलकारी रहेगा।