8 मार्च को महाशिवरात्रि, नोट कर लें संपूर्ण पूजा-विधि और शुभ मुहूर्त

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फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। मान्यता है कि इसी दिन शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। यह तिथि इस वर्ष आठ मार्च को पड़ रहा है। शिवरात्री की तैयारियों में लोग अभी से जुट गए है। शिवालयों व अन्य मंदिरों को रंग रोगन व साज-सज्जा की जा रही है। मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाने की तैयारी है। प्रत्येक वर्ष की तरह जगह – जगह से शिवजी की बारात निकालने की तैयारी चल रही है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी और चतुदर्शी के संधी को ही शिवरात्री कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन शिव की पूजा विशेष फलदायी होती हैं। इस दिन शिवलिंग पर आठों प्रहर जल अपर्ण कर शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

पंचांग के अनुसार इस वर्ष महाशिवरात्रि के दिन श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शिवयोग का निर्माण हो रहा है, जो इस तिथि को ओर विशिष्ट बना रहा है। महादेव की निशित पूजा के दौरान भद्रा लग रहा है। रात्री के 09:58 बजे से अगले दिन प्रात: 08:09 तक भद्रा रहेगा। हलांकि इसी दौरान शिव योग भी रहेगा।

भगवान शिव की पूजा करने की विधि– पंचोपचार व षोडशोपचार से भगवान शिव का पूजन करना चाहिए। कुछ भी उपलब्ध नहीं हो तो केवल 1 बिल्व पत्र ही भगवान शिव को प्रसन्न करता है। भगवान शिव को गाय के दूध अथवा पंचामृत, बिल्वपत्र, भांग, धतूरे का पुष्प, अकवन, मंदार का पुष्प विशेष प्रिय है। विविध कामनाओं के लिए विभिन्न सामग्रियों से इनका अभिषेक करना चाहिएl महाशिवरात्रि के दिन, दिन में पूजन पाठ जप अभिषेक व रात्रि में जागरण करना विशेष फलदायक बताया गया है।जबकि महा शिवरात्रि व्रत का पारण 9 मार्च को होगा।

महाशिवरात्रि के मुहूर्त– फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की शुरूआत 08 मार्च शुक्रवार को रात्रि 09:57 बजे से फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की समाप्ति 9 मार्च को शाम 06:17 होगा। जबकि महाशिवरात्रि निशिता पूजा का मुहूर्त देर रात में 12:07 से 12:56 तक है। दिन में महाशिवरात्रि की पूजा का समय: ब्रह्म मुहूर्त 05:01 से प्रारंभ होगा।

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