साल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले जब वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया तब किसानों के हित में एक अहम स्कीम की भी शुरुआत की गई। इस स्कीम का नाम-पीएम किसान सम्मान निधि था। इस स्कीम के तहत किसानों को हर साल 3 समान किस्तों में कुल 6000 रुपये दिए जाते हैं। स्कीम का फायदा 10 करोड़ से ज्यादा किसानों को मिल भी रहा है। अब 5 साल बाद एक बार फिर इस स्कीम में किस्त बढ़ोतरी के संकेत मिल रहे हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पेश किए जा रहे अंतरिम बजट में किस्त बढ़ा सकती है। बता दें कि आगामी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। चूंकि लोकसभा के चुनाव होने हैं इसलिए यह बजट आम नहीं बल्कि अंतरिम होगा। अकसर देखा गया है कि अंतरिम बजट में चुनाव की झलक रहती है। इसके जरिए एक बड़े वर्ग या लाभार्थियों को रिझाने की कोशिश की जाती है। ऐसे में संभव है कि पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों को रिझाने के लिए सरकार किस्त बढ़ोतरी कर दे। मीडिया रिपोर्ट़्स में कहा जा रहा है कि यह किस्त बढ़ाकर 8 हजार या 10 हजार रुपये की जा सकती है।
सदन में किया गया खारिज
बीते दिनों कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, फिलहाल, पीएम-किसान की राशि 6,000 रुपये से और बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
अब तक केंद्र सरकार ने 15 किश्तों में 2.81 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है, जिससे 11 करोड़ से अधिक किसानों को फायदा हुआ है।
आम बजट की डिटेल
बीते 1 फरवरी को निर्मला सीतारमण ने किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए कई लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये अलॉट किए थे। इसमें मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के लिए 60 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। देश में लगभग 86 प्रतिशत छोटे किसान हैं, जिन्हें किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से काफी लाभ पहुंचा है। इसके लाभार्थियों को 23 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। वहीं पशुपालन, डेयरी, मत्स्यपालन पर भी ध्यान देते कृषि ऋण लक्ष्य बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया गया। मोदी सरकार द्वारा डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन की शुरुआत हुई है। इसे बढ़ावा देने के उद्देश्य से 450 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
किसे नहीं मिलता है फायदा
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के दायरे में डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट और आर्किटेक्ट जैसे पेशेवर निकायों के साथ रजिस्टर्ड और प्रैक्टिस करने वाले लोग नहीं आते हैं। इसके अलावा आयकर रिटर्न फाइल करने वाले किसानों को भी स्कीम के तहत किस्त नहीं दी जाती है।