भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके डिजिटल रुपये जारी किए थे. ई-रुपी को देश में 2022 में लॉन्च किया गया था. इस साल ई-रुपी को लॉन्च हुए एक साल हो गया है. ई-रुपये का इस्तेमाल खुदरा और थोक लेनदेन के लिए किया जा सकता है. आरबीआई ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि ई-रुपी का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. देश के कई बैंकों ने ई-रुपी को बढ़ावा देने के लिए रिवॉर्ड प्वाइंट और कई ऑफर दिए हैं. आरबीआई ने यूपीआई प्लेटफॉर्म के जरिए सीबीडीसी लेनदेन की सीमा 10 लाख रुपये प्रति दिन कर दी है. इसका मतलब है कि अब कोई भी हर दिन 10 लाख रुपये का लेनदेन आसानी से कर सकता है.
आपको बता दें कि आरबीआई के ई-रुपी को लेकर पायलट प्रोग्राम में हिस्सा लेने वाले बैंकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जून 2023 तक करीब 13 लाख यूजर्स ने CBDC वॉलेट डाउनलोड किया है. इनमें से 3 लाख विक्रेताओं ने ई-रुपी स्वीकार किया है.
ई-रुपी क्या है?
ई-रुपी एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा है. यह संप्रभु बैंक मुद्रा है. जैसे आपके पर्स में नोट होते हैं, वैसे ही बैंकों के पास संप्रभु मुद्रा होती है. आरबीआई की बैलेंस शीट में इसे देनदारी के तौर पर दिखाया गया है. जिस प्रकार हम नकदी का उपयोग करके भुगतान करते हैं, उसी प्रकार हम ऑनलाइन भुगतान के लिए ई-रुपी का भी उपयोग कर सकते हैं.
ई-रुपये में आपको 50 पैसे, 1 रुपये के सिक्के के साथ 2, 5, 10, 20, 50, 100, 200 और 500 रुपये के नोट भी मिलेंगे. जिस तरह फिजिकल नोट पर आरबीआई का लोगो और गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं, उसी तरह ई-रुपी में भी होते हैं. ई-रुपी से 2,000 रुपये का नोट भी हटा दिया गया है. आपको बता दें कि फिजिकल रुपए को नोट कहा जाता है जबकि ई-रुपए को टोकन कहा जाता है.