युवा शक्ति अपनी चेतना के साथ ‘विकसित भारत एट 2047’ के लिए जुटे : मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की युवा शक्ति को ‘बदलाव का वाहक’ और ‘बदलाव का लाभार्थी’ बताते हुए देश के युवाओं का सोमवार को आह्वान किया कि वे वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर अपनी कल्पना एवं चेतना शक्ति के साथ सरकार की कार्ययोजना में जुड़ें।
श्री मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘विकसित भारत एट 2047: युवाओं की आवाज’ का शुभारंभ किया और इस मौके पर प्रधानमंत्री ने देश भर के राजभवनों में आयोजित कार्यशालाओं में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, संस्थानों के प्रमुखों और संकाय सदस्यों को संबोधित किया। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी इस वर्चुअल सम्मेलन में उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया की आबादी तेज़ी से बुज़ुर्ग हो रही है औऱ भारत युवाशक्ति से सशक्त है। विशेषज्ञ बताते हैं कि आने वाले 25-30 वर्षों तक कामकाजी आबादी के मामले में भारत सबसे अग्रणी रहने वाला है। इसलिए भारत के युवाओं पर पूरी दुनिया की नज़र है। युवाशक्ति, बदलाव का वाहक भी है और बदलाव का लाभार्थी भी है। आज जो युवा साथी, कॉलेज और विश्वविद्यालय में हैं, उनके करियर को भी यही 25 साल तय करने वाले हैं। यही युवा नए परिवार बनाने वाले हैं, नया समाज बनाने वाले हैं। इसलिए ये तय करना कि विकसित भारत कैसा हो, ये हक भी सबसे अधिक हमारी युवा शक्ति को ही है। इसी भाव के साथ सरकार, देश के हर युवा को विकसित भारत की कार्ययोजना से जोड़ना चाहती है। देश के युवाओं की आवाज़ को विकसित भारत के निर्माण की नीति-रणनीति में ढालना चाहती है। युवाओं के साथ आप सबसे ज्यादा संपर्क में रहते हैं, इसलिए इसमें आप सभी साथियों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है।
उन्होंने कहा कि हमें प्रगति के जिस रोडमैप पर चलना है, वो सिर्फ सरकार तय नहीं करेगी, उसे देश तय करेगा। देश के हर नागरिक की सक्रिय भागीदारी उसमें होगी। सबका प्रयास यानि जन भागीदारी, एक ऐसा मंत्र है जिससे बड़े से बड़े संकल्प सिद्ध होते हैं। स्वच्छ भारत अभियान हो, डिजिटल इंडिया अभियान हो, कोरोना से मुकाबला हो, वोकल फॉर लोकल होने की बात हो, हम सभी ने सबका प्रयास की ताकत देखी है। सबका प्रयास, से ही विकसित भारत का निर्माण होना है।

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