भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अध्ययन में पाया गया है कि कोविड-19 टीकाकरण से भारत में युवा वयस्कों में अचानक रहस्यमयी मृत्यु का खतरा नहीं बढ़ता है। यह जानकारी सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में दी। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने के बाद, आकस्मिक मृत्यु के पारिवारिक इतिहास और जीवनशैली की वजहों से रहस्यमयी मृत्यु की संभावना बढ़ गई है।
मंत्री इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या देश में कोविड टीकाकरण और दिल के दौरे की घटनाओं के बीच संबंध का कोई मामला सामने आया है। मांडविया ने कहा कि कुछ लोगों में कोविड से संक्रमित होने के बाद अचानक मौत की सूचना मिली है, लेकिन ऐसी मौत के कारण की पुष्टि करने के लिए पर्याप्त सबूत उपलब्ध नहीं हैं।
मांडविया ने कहा, ‘‘बारह से 14 वर्ष की आयु के बच्चों में कॉर्बेवैक्स टीके के दुष्प्रभावों पर एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि यह कुछ हल्के दुष्प्रभावों के साथ एक सुरक्षित टीका है। बता दें कि मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, संक्रमण से उबरने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 4,44,68,459 हो गई है। वहीं, देश में संक्रमण से ठीक होने की दर 98.81 प्रतिशत, जबकि मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है। वेबसाइट के अनुसार, देश में अब तक कोविड रोधी टीकों की 220.67 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं।