चीन में बच्चों में सांस संबंधी बीमारियों और निमोनिया के बढ़ते मामलों ने दुनिया भर का ध्यान खींचा है। अब तो अमेरिका और चीन के बीच यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी उठने लगी है। मार्को रुबियो के नेतृत्व में 5 रिपब्लिकन सीनेटरों ने राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन को इसे लेकर शुक्रवार को पत्र लिखा। रुबियो सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी के टॉप रिपब्लिकन मेंबर हैं। उनकी ओर से भेजे गए लेटर में कहा गया, ‘हमें अमेरिका और चीन के बीच यात्रा पर तुरंत रोक लगा देनी चाहिए, जब तक कि इस नई बीमारी से होने वाले खतरों के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिल जाती।’
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बच्चों में फैली इस बीमारी को लेकर चीन से अधिक जानकारी मुहैया कराने की अपील की थी। डब्ल्यूएचओ की ओर से बाद में कहा गया कि स्वास्थ्य अधिकारियों को किसी भी असामान्य या नए रोगजनकों का पता नहीं चला है। दूसरी ओर, ताइवान ने भी इसे लेकर अपने नागरिकों को एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया कि बुजुर्गों, युवाओं और कमजोर प्रतिरक्षा वालों को चीन की यात्रा से बचने की जरूरत है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि यात्रा प्रतिबंध को लेकर व्हाइट हाउस और अमेरिका में चीनी दूतावास की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
कोरोना के वक्त चीन से यात्रा पर लगी थी रोक
जनवरी 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन अधिकतर गैर-अमेरिकी नागरिकों के यूएस आने पर रोक लगा दी थी जो पिछले 2 हफ्ते में चीन में थे। कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह कदम उठाया गया था। हालांकि, ट्रंप ने दोनों देशों के बीच फ्लाइट्स की आवाजाही नहीं रोकी। ध्यान देने वाली बात है कि हाल के महीनों में अमेरिका और चीन देशों के बीच उड़ानें लगातार बढ़ी हैं। नवंबर 2021 से US ने टीकाकरण वाले चीनी समेत सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए अभूतपूर्व यात्रा प्रतिबंध हटा दिए। जून 2022 में अमेरिका ने हवाई यात्रियों के आने से पहले निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट दिखाने की जरूरत भी खत्म कर दी।
सांस संबंधी बीमारियों में वृद्धि फ्लू के कारण: चीन
चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि देश में सांस संबंधी बीमारियों में वृद्धि फ्लू और अन्य ज्ञात रोगाणुओं के कारण हुई है, न कि किसी नए वायरस के चलते। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि श्वसन संबंधी संक्रमण के हालिया मामले इन्फ्लूएंजा वायरस, राइनोवायरस, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस या आरएसवी, एडेनोवायरस के साथ-साथ माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया जैसे सामान्य जीवाणुओं के कारण हुए हैं, जो श्वसन पथ के संक्रमण के लिए जिम्मेदार होते हैं। मंत्रालय ने स्थानीय अधिकारियों से बुखार के इलाज के लिए अधिक से अधिक क्लीनिक खोलने और बच्चों लव बुजुर्गों के बीच टीकाकरण को बढ़ावा देने का आह्वान किया, क्योंकि चीन कोविड-19 महामारी के कारण लगे प्रतिबंध के हटने के बाद पहली सर्दियों में श्वसन संबंधी बीमारियों की तीव्र लहर से जूझ रहा है।