मणिपुर में हालात दिनों-दिन खराब होते जा रहे हैं। गुरुवार शाम को अचानक 500-600 की भीड़ ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इंफाल पूर्व के हेनगैंग में स्थित निजी आवास पर हमला बोल दिया। हालांकि मौके पर मौजूद सुरक्षा बल के जवानों ने उसको रोक दिया। लेकिन इस दौरान जमकर पत्थरबाजी और तोड़-फोड़ हुई। सुरक्षा से जुड़े एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि भीड़ में तकरीबन 500 से लेकर 600 लोग मौजूद थे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आरएएफ के जवान मौके पर तैनात थे। भीड़ के सामने आते ही वो एक्शन में आ गए।
सूबे का घाटी वाला इलाका फिर से गरम हो गया है। दो छात्रों की हत्या के बाद पूरा मैतेई समुदाय रोष में है। विशेषकर छात्र जगह-जगह हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। उसी कड़ी में उन्होंने डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर में भी तोड़फोड़ की थी। मंगलवार से शुरू हुई यह हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है। गौरतलब है कि 17 वर्षीय हिजाम लिंथोइनगामी और 20 वर्षीय फिजाम हेमजीत के फोटो सार्वजनिक होने के बाद ये घटनाएं शुरू हुईं। दोनों छह जुलाई से ही लापता थे और बताया जा रहा है कि उग्रवादियों ने इस बीच उनकी हत्या कर दी। और फिर उसी के बाद पूरी घाटी में उग्र प्रदर्शन शुरू हो गए।
बुधवार को भी प्रदर्शनकारियों ने सीएम के बंगले और राजभवन की तरफ मार्च करने की कोशिश की थी। लेकिन सुरक्षा बलों के जवानों ने भारी मात्रा में आंसू गैस के गोलों को छोड़कर भीड़ को काबू किया। हालांकि इस मौके पर छात्रों के प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मिलवाकर पूरे मामले को शांत किया गया। और फिर बाद में उसी शाम थौबल जिले के खोंगजोम मंडल में स्थित बीजेपी दफ्तर को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया।