आम आदमी पार्टी के खिलाफ कांग्रेस और भाजपा ने एक सुर में आवाज उठाई है। यहां पर आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैरा को एक पुराने ड्रग्स केस में हिरासत में लिया गया है। इसको लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही सख्त ऐतराज जताया है। भाजपा ने सवाल उठाया है कि आखिर आम आदमी पार्टी को इस कार्रवाई में इतना समय क्यों लगा? भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह केस 2015 का है। आम आदमी पार्टी यहां पर मार्च 2022 में सत्ता में आई। आज सितंबर 2023 है। आखिर क्या है, जिसके चलते अरविंद केजरीवाल की पार्टी और पंजाब पुलिस को ऐक्शन लेने में इतना ज्यादा वक्त लग गया।
32 विधायकों की बात
पूनावाला ने यहां तक कहा कि खैरा को तब हिरासत में लिया गया, जब पंजाब में विपक्ष के नेता परताप सिंह बाजवा ने यह दावा किया कि 32 विधायक उनके संपर्क में हैं। पूनावाला ने कहा कि यह कदम तब उठाया गया जब कांग्रेस ने कहा कि वह पंजाब की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पहले ही ऐसा हो रहा है। इस बीच भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी आप पर हमला किया। उन्होंने कहा कि मुझे अरविंद केजरीवाल का वह बयान याद है। तब उन्होंने कहा था कि मुझे पुलिस दीजिए, फिर देखिए मैं क्या करता हूं। अब उन्होंने यह किया है। मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि अगर कोई दोषी है तो उसे पहले सम्मन भेजा जाना चाहिए। उसके बाद जांच होनी चाहिए, अगर फिर भी जवाब नहीं मिलता है तो फिर गिरफ्तार कीजिए। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस प्रदेश सरकार के हाथों मिसयूज हो रही है।
एनडीपीएस ऐक्ट में ऐक्शन
सिरसा ने कहा कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ इसलिए ऐक्शन लिया जा रहा है क्योंकि वह सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। गौरतलब है कि गुरुवार सुबह पंजाब पुलिस ने कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा के चंडीगढ़ आवास पर छापा मारा। इसके बाद 2015 में उनके खिलाफ एनडीपीएस ऐक्ट में दर्ज केस के तहत हिरासत में ले लिया गया। छापेमारी के दौरान खैरा फेसबुक पर लाइव थे, जहां उनकी पुलिस से वॉरंट को लेकर बहस दिखाई दे रही है। पंजाब पुलिस उनसे बता रही है कि उन्हें एनडीपीएस केस में गिरफ्तार किया गया है। इस पर विधायक दावा करते हैं कि यह मामला पहले की सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो चुका है।
