खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से बौखलाए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो भारतीय एजेंसियों पर इसका आरोप लगा रहे हैं। लेकिन यह भी एक सच है कि वह हरदीप सिंह निज्जर की कट्टरपंथी गतिविधियों को जानते हुए भी नजरअंदाज कर रहे थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने कनाडा को 2016 में ही हरदीप सिंह निज्जर की गतिविधियों को लेकर अलर्ट किया था। भारतीय एजेंसियों ने बताया था कि निज्जर सिख अतिवादियों के लिए सीक्रेट कैंप चलाता था और उन्हें खालिस्तान का लक्ष्य बताया जाता था। यह पूरा सेटअप कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में ही उसने बना लिया था, जहां के एक गुरुद्वारे के बाहर उसकी हत्या कर दी गई।
खालिस्तान टाइगर फोर्स जैसे संगठन का सरगना रहा हरदीप सिंह निज्जर एक प्लम्बर के तौर पर कनाडा में काम करता था। वह शुरुआती दिनों में गुरनेक सिंह नेका के संपर्क में आया था, जो गैंगस्टर था। उसके बाद खालिस्तान कमांडो फोर्स नाम के एक संगठन से वह जुड़ गया, जिसका संचालन उग्रवादी गुरदीप सिंह उर्फ दीपा हेरानवाला करता था। गुरदीप सिंह इतना खूंखार था कि वह पंजाब में 1980 से 1990 के दौरान 200 हत्याओं में शामिल था। कनाडा पहुंचने पर हरदीप सिंह निज्जर पाकिस्तान में सक्रिय खालिस्तानी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स के भी संपर्क में आया था, जिसका लीडर जगतार सिंह तारा था। इस शख्स से संपर्क होने के बाद निज्जर 2012 में पाकिस्तान में भी गया था और वहां हथियार चलाने की 15 दिनों तक ट्रेनिंग भी ली थी।
