प्राणायाम योगाभ्यास कर रमजान में रोजे रखना नमाज पढ़ना बेमिसाल उदाहरण रिजमाशा खान

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बात हिन्दू मुस्लिम एकता या गंगाजमुना तहजीब के जीवन्त उदाहरण की है यहाँ हम बात कर रहें है १५ वर्षीय रिजामाशा खान की जिनके जीवन में योग प्राणायाम करना व् नमाज पढना दैनिक जीवन का अंग है रिजामाशा खान जब क्लास ७ में गई तो उन्हें तो स्कुल में योग विषय लिया और योग में पारंगत हो गई और स्कुल का प्रतिनिधित्व करने लगी योगाभ्यास के विभिन्न प्रतियोगिताओ में स्कुल का नाम रोशन किया नेपाल में होने वाली साउथ एशियन योग प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ से राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व ही नहीं किया बल्कि गोल्ड मेडल भी जीता
रिजा माशा खान एक मुस्लिम परिवार से हैं वो ७ वर्ष की ऊम्र से पवित्र माह रमजान में रोजे रखती आ रही हैं रिजामाशा खान सुबह सहरी के बाद योग करती है दिन में नमाज पढ़ती है रमजान के महीने भी योग प्राणायाम करना नहीं भूलती हैं रिजामाशा खान मुस्लिम होकर भी योग चैम्पियन है यह गंगाजमुना तहजीब का अनूठा उदहारण हैं वो भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष मकमुर इकबाल खान की पुत्री हैं
बेटी बचाओ बेटी पढाओ के नारे को सशक्त रूप से बुलन्द करनेवाली रिजामाशा खान को समाचार वेब की टीम की तरफ से उनके उज्जवल भविष्य की कामना हैं

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