लॉकडाउन में जब सभी आंगनबाड़ियां बंद हैं चकमक अभियान और सजग कार्यक्रम बच्चों के लिए ज्ञान का पिटारा लेकर आया है। इससे न सिर्फ बच्चों का बौद्धिक विकास हो रहा है बल्कि बच्चे खुशी-खुशी शारीरिक गतिविधियों में भी भाग ले रहे हैं। जशपुर जैसे दूरस्थ और आदिवासी अंचल में भी नन्हें बच्चों को वॉल पेंटिंग, औपचारिक शिक्षा पर राज्य शासन द्वारा तैयार की गई फिल्म दिखाई जा रही है। बच्चों को छत्तीसगढ़ी बाल गीत, आकर्षक कार्टून, वाीडियो पर आधारित अध्ययन सामग्री आकर्षित कर रही है। इसके साथ ही सजग कार्यक्रम के तहत् बच्चों के अभिभावकों को ऑडियो मैसेज दिया जा रहा है। ऑडियो मैसेज के माध्यम से पालकों को बच्चों के उचित देख-रेख पोषण संबंघी जानकारी देने के साथ बच्चों को कहानियां सुनाने और अपने स्वयं के अनुभव से बच्चों को सिखाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इससे बच्चों में सीखने के प्रति रूचि बढ़ रही है। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के कारण घर पर ही नन्हें-मुन्हें बच्चों के बौद्धिक विकास तथा क्षमता को बढ़ाने और उनमें सीखने की प्रक्रिया को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सार्थक पहल करते हुए महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत 25 अपै्रल 2020 को आंगनबाड़ी के छोटे बच्चों के लिए चकमक अभियान और सजग अभियान की शुरूआत की है।