झारखंड के गढ़वा जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली खबर एक बार फिर सामने आई है. जिस सुन आपकी भी आंखें नम हो जाएंगी. मामला मझिआंव सीएचसी रेफरल अस्पताल का है. जहां प्रसव पीड़ा के बाद महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उसने एक मृत बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद परिजन उसके अंतिम संस्कार की तैयारी में जुट गए, लेकिन जब परिजनों ने बच्चे का शव मांगा तो जो बात बताई गई वो सुन उनके पैरों तलों की जमीन ही खिसक गई. बच्चे के शव को जलते हुए कचरे में फेंक दिया गया. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करना शुरू कर दिया.
महिला ने एक मृत बच्चे को दिया था जन्म
मामले को लेकर बताया जा रहा है कि पलामू जिला के रजहारा के लहलहे गांव निवासी मनदीप विश्वकर्मा की पत्नी को अचनाक पीड़ा शुरू हो गई. जिसके बाद आनन फानन में उसे सीएचसी रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया. एएनएम ने उसका प्रसव कराया, लेकिन महिला ने एक मृत बच्चे को जन्म दिया. एएनएम निर्मला कुमारी एवं मंजू कुमारी ने उसका इलाज किया था.
बच्चे को कचरे में फेंक दिया गया
जब परिजनों को इस बात की खबर हुई तो वो अंतिम संस्कार की तैयारी में जुट गए, लेकिन अस्पताल के द्वारा उन्हें ये मालूम हुआ कि अस्पतल की ही दाई दौलत देवी ने बच्चे को कचरा निस्तारण हेतु बने गहरे टैंक में जलते हुए कचरे में फेंक दिया. परिजनों ने पूरे अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि लापरवाही के कारण ही बच्चे की मौत हुई है. वहीं, इस शर्मनाक करतूत को लेकर भी पूरे अस्पताल में जमकर हंगामा किया है. वहीं, इस मामले में दोनों एएनएम जिन्होंने महिला का इलाज किया था, उन्होंने ने भी ये स्वीकार किया है कि प्रसव के पश्चात मृत बच्चे को बगैर हम लोगों से पूछे ही दाई ने उसे जलते कचरे के ढेर में फेंक दिया.
