नयी दिल्ली, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूर्वी दिल्ली के सूरजमल विहार में गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के नये परिसर (कैंपस) का गुरुवार को उद्घाटन किया।
श्री केजरीवाल ने इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के नए परिसर के उद्घाटन के बाद विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि कैंपस में बहुत शानदार सुविधाएं हैं और यह बहुत खूबसूरत बना है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आर्किटेक्चर और सुविधाओं के लिहाज से शायद यह देश का सबसे बेहतरीन कैंपस है। यहां देश भर से बच्चे पढ़ने आएंगे। यहां 2400 से अधिक बच्चों के पढ़ने की क्षमता है।
उन्होंने कहा, “पिछले सात-आठ सालों में दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में काफी ज्यादा बदलाव आए हैं। हमारे देश में एक तरह से दो तरह की शिक्षा व्यवस्था है। एक सरकारी स्कूल होते हैं और एक प्राइवेट स्कूल होते हैं। अगर आपके पास पैसा है तो अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल में भेजते हैं और अगर पैसा नहीं है तो मजबूरी में अपने बच्चे को सरकारी स्कूलों में भेजा करते थे। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई बहुत खराब होती थी लेकिन पिछले सात-आठ सालों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बहुत बड़ा बदलाव आया है, जो परीक्षा के नतीजों और इंफ्रास्ट्रक्चर से भी दिखाई देता है। हम लोगों ने दिल्ली में 12वीं तक की शिक्षा में एक तरह से एक मॉडल तैयार कर दिया।”
श्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में हर साल करीब 2.5 लाख बच्चे 12वीं पास करते हैं। इसमें से लगभग 1.50 लाख बच्चे सरकारी स्कूलों और एक लाख बच्चे निजी स्कूलों से निकलते हैं। दिल्ली सरकार के विश्वविद्यालयों में 85 फीसदी सीट दिल्ली के बच्चों के लिए रिजर्व हैं। लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के अंदर सीटें रिजर्व नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में जब उन्होंने दिल्ली की जिम्मेदारी संभाली थी, उस समय एक अनुमान लगाया गया था। इसमें पाया गया कि दिल्ली में 12वीं पास करने वाले 2.5 लाख बच्चों में से 1.10 लाख बच्चों के लिए ही सीट उपलब्ध थी और एक तरह से 1.40 लाख बच्चों के लिए सीटों की कमी थी। पिछले 7-8 सालों में हम इसे 1.10 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख सीटों तक ले जा पाए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईपी यूनिवर्सिटी के ईस्ट कैंपस मे जो शिक्षा देने की योजना बनाई जा रही है, उसमें डिजाइन, ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट, रोबोटिक, इनोवेशन, मशीन लर्निंग और डेटा मैनेजमेंट पर सिखाया जाएगा। आज तकनीक के युग में इसकी मांग है।