अगर आप बैंक की तरफ से बढ़ाई जाने वाली ब्याज दर से परेशान हैं तो आज ये खबर आपको राहत देने वाली है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से 43वीं मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक हुई जिसमें रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। ये पहली बार नहीं बल्कि लगातार दूसरा रिजर्व बैंक ने रेपो रेट पुराने स्तर पर ही कायम रखा है। इससे पहले अप्रैल में पूरी हुई एमपीसी की बैठक में भी रेपो रेट को 6.5 परसेंट के स्तर पर बरकरार रखा था।
बता दें कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिये गए फैसले के बारे में जानकारी दी। उन्होने बताया कि आम सहमति से रेपो रेट को 6.5 परसेंट पर बरकरार रखा गया है। बता दें बढ़ती महंगाई दर पर कंट्रोल करने के लिए आरबीआई ने मई 2022 से रेपो रेट में ढाई परसेंट की बढ़ोतरी की है और पिछले साल 4 प्रतिशत पर चल रहा रेपो रेट बढ़कर 6.5 प्रतिशत पर पहुंच गया।
गौरतलब है कि रेपो रेट इस समय पिछले 4 साल के हाई लेवल पर चल रहा है। रिजर्व बैंक की तरफ से पिछले दिनों बढ़ती महंगाई दर को कंट्रोल करने के लिए ब्याज दर में इजाफा किया गया था और इसका असर हुआ कि खुदरा महंगाई दर गिरकर 18 महीने के निचले स्तर 4.7 परसेंट पर आ गई है। जबकि इससे पहले मार्च में ये 5.7 प्रतिशत के स्तर पर थी
इसी के साथ शेयर बाजार की शुरुआत हल्की गिरावट के साथ हुई थी। एमपीसी के नतीजों से पहले बाजार में सुस्ती देखी लेकिन आरबीआई के ऐलान के बाद कि रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया और देखते ही देखते शेयर बाजार में तेजी आई।
जान लें कि रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं होने का फायदा बैंकों से लोन लेने वाले ग्राहकों को पूरी तरह मिलेगा। क्योंकि फिलहला किसी भी तरह के लोन पर बैंकों की तरफ से ब्याज दर बढ़ाए जाने की उम्मीद नहीं है। अब अगर आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में इजाफा किया जाता तो इसका असर ग्राहकों को दिये जाने वाले लोन पर जरूर होता।
जान लें क्या होता है रेपो रेट?
अगर आप नहीं जानते हैं तो जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन दिया जाता है तो उसे रेपो रेट कहा जाता है। दरअसल रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर कर्ज मिलेगा। जिसके बाद होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दर बढ़ जाएगी। इस लिहाज से आपकी ईएमआई पर सीधा असर दिखाई देगा।