नयी दिल्ली, भारत ने अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) की वर्ष 2025 की वार्षिक रिपोर्ट में फिर से भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर सवाल खड़े करने पर कड़ी आपत्ति जतायी है और कहा है कि लोकतंत्र और सहिष्णुता के प्रतीक के रूप में भारत की स्थिति को कमजोर करने के यूएससीआईआरएफ के ऐसे प्रयास सफल नहीं होंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट के बारे में मीडिया के सवालों के जवाब में कहा, “हमने हाल ही में जारी की गई अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) की 2025 वार्षिक रिपोर्ट देखी है, जो एक बार फिर पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक रूप से प्रेरित आकलन प्रस्तुत करने के अपने पुराने पैटर्न पर आधारित है।”
श्री जायसवाल ने कहा, “यूएससीआईआरएफ द्वारा अलग-अलग घटनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत करने और भारत के जीवंत बहुसांस्कृतिक समाज पर संदेह करने के लगातार प्रयास धार्मिक स्वतंत्रता के लिए वास्तविक चिंता के बजाय एक जानबूझकर किए गए एजेंडे को दर्शाते हैं। भारत 1.4 अरब लोगों का घर है जो मानव जाति के सभी ज्ञात धर्मों के अनुयायी हैं। हालांकि, हमें कोई उम्मीद नहीं है कि यूएससीआईआरएफ भारत के बहुलवादी ढांचे की वास्तविकता को समझेगा या इसके विविध समुदायों के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को स्वीकार करेगा।”
प्रवक्ता ने कहा, “लोकतंत्र और सहिष्णुता के प्रतीक के रूप में भारत की स्थिति को कमजोर करने के ऐसे प्रयास सफल नहीं होंगे। वास्तव में, यह यूएससीआईआरएफ है जिसे चिंता का विषय माना जाना चाहिए।”
