दिल्ली: एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने मिलकर इस बदलाव का निर्णय लिया है। वर्तमान में एटीएम से कैश निकासी पर जो शुल्क लगभग 17 रुपये लिया जाता है, उसे बढ़ाकर 19 रुपये करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, मिनी स्टेटमेंट, बैलेंस चेक जैसे गैर-वित्तीय लेन-देन पर लगाया जाने वाला 6 रुपये का शुल्क भी बढ़ाकर 7 रुपये प्रति लेन-देन कर दिया जाएगा।
निश्चित लिमिट तक ATM से बिना शुल्क…
हालांकि, केंद्रीय बैंक के निर्देश के अनुसार, सभी ग्राहक एक निश्चित लिमिट तक एटीएम से बिना शुल्क के कैश निकाल सकते हैं। मेट्रो शहरों में हर व्यक्ति को हर महीने तीन निशुल्क ट्रांजेक्शन की अनुमति मिलती है। लिमिट पार करने पर, बैंक अपने ग्राहकों से इंटरचेंज फीस के रूप में शुल्क वसूलते हैं, जो एक बैंक द्वारा दूसरे बैंक को उसके ग्राहक द्वारा एटीएम उपयोग पर दी जाती है। वर्तमान में, अधिकांश बैंक लगभग 17 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन शुल्क लेते हैं।
उपभोक्ताओं पर पड़ेगा सीधा असर: यह प्रस्तावित परिवर्तन एटीएम से कैश निकासी की लागत को बढ़ा सकता है, जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। यदि यह शुल्क बढ़ाया जाता है, तो इससे ग्राहकों पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव आ सकता है, खासकर उन लोगों पर जो नियमित रूप से एटीएम का उपयोग करते हैं। 1 मई 2025 से प्रस्तावित इन बदलावों से एटीएम ट्रांजेक्शंस की लागत में वृद्धि हो सकती है, जिससे उपभोक्ताओं को ज्यादा शुल्क का सामना करना पड़ सकता है। अगर यह बदलाव लागू होता है, तो ग्राहकों को अपनी एटीएम ट्रांजेक्शन लिमिट पर ध्यान देना होगा और गैर-जरूरी लेन-देन से बचने की कोशिश करनी होगी।
