बेमेतराः जिला सहकारी बैंक दूर्ग के 16 समितियों में 4 करोड़ 87 लाख 11 हजार से ज्यादा के घोटाला मामले में नौ अधिकारी और सेवा से अनुपस्थित रहने वाले दो कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्त अधिकारी-कर्मचारियों में चार समिति प्रबंधक और तीन पर्यवेक्षक भी शामिल हैं। वहीं लंबी अवधि तक बिना सूचना ड्यूटी से गायब रहने वाले दो भृत्यों की भी सेवा समाप्त कर दी गई है। सभी मामलों की जांच और सुनवाई के बाद बैंक के स्टॉफ उप समिति की अनुशंसा पर यह कार्रवाई की गई है। आर्थिक अनियमितिता के मामले में एफआईआर दर्ज कराने और राशि की वसूली के लिए न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराने की भी अनुशंसा की गई है।
2016 से 2023 के बीच हुई गड़बड़ी
जिला सहकारी बैंक से मिली जानकारी के मुताबिक आर्थिक अनियमितता के ये मामले वर्ष 2016 से वर्ष 2023 के बीच के हैं। इन गड़बडिय़ों को अलग-अलग तरह से अंजाम दिया गया है। गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद इन मामलो में अलग-अलग विभागीय जांच कराई गई है। जांच में गड़बड़ी प्रमाणित होने पर संबंधित कर्मी को प्रत्यक्ष पक्ष रखने का मौका भी दिया गया है। इसमें अधिकतर मामलों में कर्मचारियों ने गड़बड़ी करना स्वीकार भी किया। वहीं 212 दिन से बिना सुचना कार्य से अनुपस्थित कामेन्द्र कुमार वर्मा और 10 जून 2024 से अबकत अनुपस्थित नारायण यादव की भी सेवा समाप्त कर दी गई है।
इन समिति प्रबंधकों को किया गया बर्खास्त
आरोप है कि शेष नारायण टोंड्रे समिति प्रबंधक नवागढ़, हटहाडाडू और अंधियारखोर समिति में पदस्थ रहने के दौरान 1 करोड़ 77 लाख 47 हजार 278 रुपए की गड़बड़ी की। इसी तरह से श्याम सुंदर कश्यप समिति प्रबंधक मारो के समिति मारो और गुंजेरा में 92 लाख 90 हजार 903 रुपए की आर्थिक अनियमितिता।रामजी खांडे शाखा प्रबंधक नवागढ़, बालसमुंद से सबद्ध समिति संबलपुर में पदस्थ रहने के दौरान, 9 लाख 92 हजार 961 रुपए की गड़बड़ी और डेरहाराम जोशी समिति प्रबंधक नवागढ़ से संबद्ध समिति रनबोड़ और प्रतापपुर में 25 लाख रुपए की धांधली के मामले साबित होने के बाद बर्खास्त कर दिया गया है।
ये पर्यवेक्षक भी हुए बर्खास्त
देवकर के पर्यवेक्षक हीराधर मैत्री ,शाखा थानखहरिया के खैरझिटी में 87 लाख 63 हजार 843 रुपए की आर्थिक अनियमितता करने,दीनबंधु पटेल पर्यवेक्षक, साजा और थानखहरिया से संबद्ध समिति साजा और हाटरांका में पदस्थी के दौरान 48 लाख 71 हजार 22 रुपए की अनियमितता करने सतीश यादव पर्यवेक्षक देवरबीजा, समिति साजा और केवतरा में पदस्थी के दौरान 18 लाख 26 हजार 929 रुपए की गड़बड़ी करने,राजाराम वर्मा लिपिक, शाखा नवागढ़ में पदस्थापना के दौरान चेक क्लीयरिंग नहीं होने के बाद भी भुगतान कर 5 लाख 68 हजार 513 रुपए और मारो में पदस्थी के दौरान 18 लाख 85 हजार 903 रुपए की गड़बड़ी करने तथा कल्याण सिंह ध्रुवे लिपिक बालोद में पदस्थी के दौरान अमानत में खयानत का मामला, राशि 2 लाख 64 हजार 200 रुपए (राशि जमा) की गड़बड़ी करने के कारण बर्खास्त किए गए हैं।