बड़ा झटका: कनाडा की डिप्टी पीएम क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने दिया इस्तीफा

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Chrystia Freeland Resign: कनाडा में राजनीति संकट बढ़ गया है। गलत आरोप लगाकर भारत को घेरने वाले पीएम जस्टिन ट्रूडो  अब खुद ही मुसीबत में फंस गए है। हालात यह हो गया है कि कनाडा की ट्रूडो सरकार कभी भी गिर सकती है। कनाडा की डिप्टी पीएम और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने इस्तीफा दे दिया है। क्रिस्टिया फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद ट्रूडो को आलोचनाओं का शिकार होना पड़ रहा है। विपक्षी पार्टियों ने उनसे इस्तीफा मांगा है। वहीं कभी ट्रूडो की सरकार में सहयोगी रहे एनडीपी नेता जगमीत सिंह ने भी उनसे पद छोड़ देने को कहा है।

डोनाल्ड ट्रम्प के “अमेरिका फर्स्ट” आर्थिक राष्ट्रवाद से उत्पन्न खतरे को लेकर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ बढ़ते तनाव के बीच उन्होंने ये इस्तीफा दिया है। फ्रीलैंड कनाडा की वित्त मंत्री भी हैं। उन्हों ने संसद में आर्थिक अपडेट पेश करने से कुछ घंटे पहले ही पद छोड़ दिया। वे अगस्त 2020 से वित्त मंत्री के रूप में कार्यरत थीं।

फ्रीलैंड ने ट्रूडो को लिखी चिट्ठी में कहा, “पिछले कुछ सप्ताहों से आप और मैं कनाडा के लिए सर्वोत्तम मार्ग को लेकर असमंजस में हैं। शुक्रवार को आपने मुझसे कहा कि आप नहीं चाहते कि मैं अब आपके वित्त मंत्री के रूप में काम करूं और मुझे मंत्रिमंडल में एक अन्य पद की पेशकश की। विचार करने के बाद, मैं इस निष्कर्ष पर पहुंची हूं कि मेरे लिए मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना ही एकमात्र ईमानदार और व्यवहार्य रास्ता है। फ्रीलैंड ने लिखा, “सरकार में सेवा करना, कनाडा और कनाडाई लोगों के लिए काम करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है। हमने साथ मिलकर बहुत कुछ हासिल किया है।

आज कनाडा एक गंभीर चुनौती का सामना कर रहा

उन्होंने आगे कहा कि कनाडा को अमेरिका के “आक्रामक आर्थिक राष्ट्रवाद” से “गंभीर चुनौती” का सामना करना पड़ रहा है। आज कनाडा एक गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है। अमेरिका में आने वाला प्रशासन (ट्रंप प्रशासन) आक्रामक आर्थिक राष्ट्रवाद की नीति अपना रहा है। इस नीति के तहत कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी जा रही है। हमें उस खतरे को बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत है। इसका मतलब है कि आज हमें अपने राजकोषीय घाटे को कम रखना होगा, ताकि आने वाले टैरिफ युद्ध के लिए हमारे पास जरूरी धन मौजूद हो। इसका मतलब है कि महंगी राजनीतिक चालों से बचना चाहिए। जिन्हें हम बर्दाश्त नहीं कर सकते और जो कनाडाई लोगों को संदेह में डालते हैं. हम इस समय की गंभीरता को समझते हैं।

अल्पमत में ट्रूडो सरकार

इससे पहले सोमवार को कॉक की बैठक में भी ट्रूडो को कड़ा विरोध झेलना पड़ा था। विपक्ष ने जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग की है। बता दें कि हाउस ऑफ कॉमन्स में 153 सीटों के साथ उनकी लिबरल पार्टी की सरकार अल्पमत में है। इनमें से 60 सांसद चाहते हैं कि ट्रूडो पद से इस्तीफा दे दें।

कौन हैं क्रिस्टिया फ्रीलैंड?
क्रिस्टिया फ्रीलैंड का पूरा नाम क्रिस्टीना एलेक्जेंड्रा फ्रीलैंड है। उनका जन्म 1968 में पीस रिवर, अल्बर्टा में हुआ था। फ्रीलैंड ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्लावोनिक स्टडीज में मास्टर डिग्री हासिल की है। वह मीडिया जगत का बड़ा फेस रही हैं। फाइनेंशियल टाइम्स, द ग्लोब एंड मेल और रॉयटर्स जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में संपादकीय पदों पर रह चुकी फ्रीलैंड ने 2013 में पत्रकारिता छोड़कर राजनीति में कदम रखा।

सियासी करियर
क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने 2013 में ही लिबरल पार्टी के टिकट पर टोरंटो सेंटर सीट से जीत हासिल की थी। साल 2015 में नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने उन्हें अपनी पहली कैबिनेट में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री बनाया। 2019 में उन्हें उप प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। 1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो ने उप प्रधानमंत्री का पद बनाया था। 2006 से ये पद खाली पड़ा था। 2020 में क्रिस्टिया फ्रीलैंड को वित्त मंत्री की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। सोमवार को उन्होंने इन दोनों ही पदों से इस्तीफा दे दिया।

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