महासमुंद। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह की अध्यक्षता में सोमवार को जिला कार्यालय के सभाकक्ष में लखपति दीदी योजना अंतर्गत जिला स्तरीय समन्वय समिति की समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए योजना के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा की। ज्ञात है कि जिले में 34 हजार 700 लखपति दीदीयों का चिन्हांकन किया गया है। इनको बेहतर प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण दिया जा रहा है। इस दौरान, कलेक्टर ने योजना के तहत वित्तीय सहयोग, प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण, ऑनलाइन मैपिंग, और ऑनलाइन एंट्री की जानकारी ली और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इस अवसर पर वनमंडलाधिकारी पंकज राजपूत, जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक, समस्त जनपद सीईओ एवं अन्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर लंगेह ने बैठक में कहा कि हर विकासखंड में महिलाओं के समूहों में से उन सक्रिय और स्थायी आजीविका से संबंधित महिला सदस्यों की पहचान की जाए जो अपने आजीविका में सतत वृद्धि कर रही हो और अपने परिवार के जीवन यापन और आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हो। उन्होंने यह भी कहा कि इन महिलाओं को प्रोत्साहित किया जाए और उनके उत्पादों की राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर ब्रांडिंग की दिशा में कदम उठाए जाएं, चाहे वह कपड़ा हो या खाद्य उत्पाद। सभी विभागों से समन्वय कर उनको अधिक से अधिक रेजगार से जोड़ा जाए। उनके बेहतर प्रशिक्षण से रोजगार के अन्य विकल्पों को तलाश कर इनके उत्पादों को बाजार से जोड़ें। उन्होंने कहा कि लखपति दीदी योजना वास्तव में महिला समृद्धि का प्रतीक है।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री एस. आलोक ने बताया कि लखपति दीदी स्व सहायता समूह की ऐसी सदस्य है जिसकी सलाना पारिवारिक आय एक लाख रुपए या इससे अधिक हैं। लखपति दीदी अपनी आय के लिए नहीं बल्कि स्थायी आजीविका को अपनाने और संसाधनों को प्रभावी रूप से प्रबंधित करके जीवन का योग्य स्तर प्राप्त करने के लिए समुदाय हेतु एक प्रेरणा के रूप में कार्य करती है।