स्वास्थ्य सेवाओं की विफलता: छत्तीसगढ़ में गर्भवती महिला को एम्बुलेंस न मिलने से जीवन पर खतरा

प्रादेशिक मुख्य समाचार

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ व्यवस्था खाट पर है, प्रदेश में अस्पताल की सुविधाएं बदहाल हो गयी है, खुद स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के ग्रह ग्राम में भी स्वास्थ्य सुविधाएं ढंग से मुहैया नहीं हो पा रही जिससे आमजनो को काफी परेशानी सामना करना पर रहा है, दरअसल मनेन्द्रगढ़ विधानसभा के छिपछिपी गांव की एक घायल महिला रोहिणी प्रसाद को शनिवार शाम को एंबुलेंस सेवा नहीं मिलने के कारण खाट पर रखकर मनेन्द्रगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाना पड़ा। बताया जा रहा है कि महिला का पैर बैलों की लड़ाई के दौरान टूट गया था।
वही इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा चुकी है। मंत्री के क्षेत्र में ऐसी स्थिति है, तो अन्य इलाकों की हालत क्या होगी। स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए कदम उठाने चाहिए। यह घटना न केवल प्रशासन की नाकामी को उजागर करती है, बल्कि राज्य की प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं पर भी सवाल खड़े करती है।

वही सरगुजा जिले के लखनपुर क्षेत्र में गर्भवती महिला को कांवड़ पर ढोकर ग्रामीण 7 किलोमीटर पैदल चले, तब उन्हें एंबुलेंस मिल सकी। महिला को कुन्नी अस्पताल लाया गया, जहां उसका प्रसव हुआ। स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। यह इलाका लुंड्रा विधानसभा क्षेत्र में है, जहां कई गांव और टोले पहुंचविहीन हैं।
ग्राम कुर्मेन के बरढोंड़गा पारा के पारस मझवार की पत्नी बिनी मझवार को प्रसव पीड़ा शनिवार दोपहर शुरू हुई। परिवारजनों ने एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन एंबुलेंस ग्राम तिरकेला के कुरमेन तक पहुंची। आगे सड़क खराब और पहाड़ी रास्ता होने के कारण गर्भवती को एंबुलेंस तक लाने कहा गया।

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