जिला अस्पताल में लेजर मशीन से हुआ पहला ऑपरेशन, 5 सालों से भगंदर बीमारी से पीड़ित था मरीज, डीएलपीएल पद्धति से की गई सर्जरी

प्रादेशिक मुख्य समाचार
रायसेन। मध्य प्रदेश के रायसेन जिला चिकित्सालय को प्राप्त लेजर मशीन से शासकीय अस्पताल में डीएलपीएल पद्धति से पहला ऑपरेशन किया गया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी की ओर प्रदाय की गई यह मशीन प्रदेश के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कालेज में पहली मशीन है। लेजा ट्रांस एनोरेक्टल नामक यह लेजर मशीन से सीएमएचओ और सर्जिकल विशेषज्ञ डॉ. दिनेश खत्री ने डीएलपीएल पद्धति से भगंदर का ऑपरेशन किया गया। रायसेन निवासी मरीज अनिल कुमार सेन विगत पांच वर्षो से भगंदर की बीमारी से परेशान थे। जिनका सफल ऑपरेशन किया गया। एनिस्थिसिया डॉ.अनिल ओड ने दिया। ऑपरेशन में आरएसओ, एसटीओ गुंजन और डॉ.अभय जैन सहयोगी रहे। साथ ही ओटी टीम का भी सहयोग रहा। सीएमएचओ डॉ. खत्री ने बताया कि डबल ओपनिंग वाला भगंदर बहुत ही कष्टदायी माना जाता है। उन्होंने बताया कि आज देश में 60 से 70 प्रतिशत लोग पायल्सए भगंदर जैसे गुदा रोगों से पीड़ित है। सरकारी अस्पतालों में यह इलाज नहीं होने के कारण निजी अस्पतालों में इसके लेजर ऑपरेशन में 40 हजार से एक लाख रुपए तक का खर्च आता है। जो आम व्यक्ति के लिए संभव नही है। प्रायः बड़े निजी अस्पतालों में ही यह सुविधा उपलब्ध है, जहां पर यह ऑपरेशन का खर्च लगभग एक लाख रुपए आता है।

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