कर्मचारी भविष्य निधि पर आधारित कर्मचारी पेंशन योजना-95 के तहत मासिक पेंशन बढ़ाने को लेकर आंदोलन कर रहे निजी क्षेत्र के सेवानिवृत्त श्रमिकों के एक संगठन ने गुरुवार को कहा कि केन्द्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने उन्हें इस मामले में आश्वासन दिया है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस मुद्दे के समाधान के लिये प्रतिबद्ध हैं।
ईपीएस-95 के राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत ने कहा, “ लंबे समय तक नियमित पेंशन निधि में योगदान करने के बावजूद पेंशन भोगियों को इतनी कम पेंशन मिल रही है, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही है। पिछले आठ साल से देशभर के 78 लाख पेंशधारक न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने अब तक उनकी मांगों पर कोई तवज्जो नहीं दी है। मौजूदा समय में पेंशनधारकों को औसतन केवल 1,450 रुपये ही मासिक पेंशन मिल रही है। पेंशनधारक महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन को हर महीने 7,500 रुपये करने और पेंशनभोगियों के जीवनसाथी (पति या पत्नी) को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधायें देने समेत दूसरी मांगें कर रहे हैं। ”
श्री राऊत के निवेदन और सांसद धैर्यशील माने की अपील पर महाराष्ट्र के विभिन्न दलों के सांसदों ने आंदोलनकारियों के साथ चर्चा की।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय श्रम मंत्री मंडाविया ने पेंशन भोगियों के एक दल को चर्चा के लिये बुलाया । उन्होंने आश्वाशन दिया कि सरकार जल्द इसके समाधान के लिये कटिबद्ध हैं। डॉ मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इसके प्रति प्रतिबद्ध हैं । उन्होंने आंदोलनकारियों से आंदोलन समाप्त करने का आग्रह किया। इस आंदोलन में महाराष्ट्र के विभिन्न दलों के 11 सांसद शामिल हुये।
श्री राऊत ने कहा कि श्रम विभाग के अधिकारियों ने भी आंदोलनकारियों को बातचीत के लिये बुलाया । उनके साथ बैठक बहुत सकारात्मक रही। विभाग की तरफ से इस मामले को लेकर भी आश्वाशन दिया गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले सांसद हेमा मालिनी के नेतृत्व में आंदोलनकारी श्री मोदी से दो बार मिल कर अपनी समस्या से उन्हें अवगत करा चुके हैं।