केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से मंगलवार को पेश बजट में मरीजों के लिए भी राहत भरी घोषणा थी। सरकार ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं पर कस्टम ड्यूटी घटाने के ऐलान किया है, जिसके बाद कीमतों में भारी कमी आ सकती है। खास बात है कि इसे भी आम आदमी के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। सरकार ने कई मेडिकल उपकरणों पर भी सीमा शुल्क घटाया है।
ये हैं दवाएं
केंद्र सरकार ने Trastuzumab Deruxtecan (स्तन कैंसर या गैस्ट्रोएसोफेगल एडेनोकार्सिनोमा के लिए), Osimeritinib (विशिष्ट उत्परिवर्तन वाले फेफड़ों के कैंसर के लिए) और Durvalumabs (फेफड़ों और पित्त नली के कैंसर के लिए)के आयात पर सीमा शुल्क से छूट देने का बजट में प्रस्ताव किया है। सरकार ने इन दवाओं पर लगने वाली 10 फीसदी ड्यूटी को शून्य पर लाने का प्रस्ताव दिया है।
कितनी है कीमत
इन तीनों दवाओं को ब्रिटेन की कंपनी AstraZeneca तैयार करती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन एन्हेर्तु ब्रांड के तहत बेची जाती है, जिसकी कीमत 3 लाख रुपये प्रति वायल होती है। जबकि, ओसिमर्टिनिब का ब्रांड टागरिसू की 10 टैबलेट 1.51 लाख रुपये की आती हैं। डुरवालुमैब की कीमत 45 हजार 500 रुपये प्रति वायल होती है।
क्या बोले जानकार
पीटीआई भाषा से बातचीत में फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) डॉ.आशुतोष रघुवंशी ने कहा कि इन दवाओं के आयात पर सीमा शुल्क की छूट देकर सरकार ने कैंसर के इलाज के दौरान पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करने में ठोस कदम उठाया है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम के तहत एक्स-रे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टरों के लिए बीसीडी (मूल सीमा शुल्क) में बदलाव का प्रस्ताव करने से घरेलू ओईएम निर्माताओं को लागत कम करने, स्थानीय स्रोत को प्रोत्साहित करने और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के कारण काफी लाभ होगा।