भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा केंद्र में मंत्री बन चुके हैं। पिछले दिनों जून 2024 तक उनका कार्यकाल बढ़ाया गया था। अब सरकार में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिलने के साथ ही बीजेपी में नए अध्यक्ष की तलाश तेज हो गई है।
माना जा रहा है कि भाजपा को इस साल दिसंबर तक नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा। इसके लिए 1 अगस्त से चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले एक व्यापक सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा जिला और प्रदेश की इकाइयों को भी मजबूत किया जाएगा।
2 महीने चलेगा सदस्यता अभियान
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव प्रक्रिया 1 अगस्त से शुरू कर देगी। इसके लिए सबसे पहले सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान 15 सितंबर तक चलेगा। इसके बाद 16 सितंबर से 30 सितंबर तक सक्रिय सदस्यता अभियान चलेगा। 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक सक्रिय सदस्यता अभियान का सत्यापन किया जाएगा.
नवंबर में होंगे मंडल और जिलाध्यक्ष के चुनाव
भाजपा की ओर से 1 नवंबर से 15 नवंबर तक मंडल अध्यक्ष के चुनाव कराए जाएंगे। इसके बाद 16 नवंबर से 30 नवंबर तक जिलाध्यक्ष का चुनाव होगा। भाजपा सूत्रों के मुताबिक मंडल अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष के चुनाव के बाद ही प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।
भाजपा के मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष के चुनाव के बाद 1 दिसंबर से प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। जब 50 प्रतिशत राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव पूरा हो जाएगा, उसके बाद ही आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा।
बीजेपी अध्यक्ष के लिए पहले इन नामों की थी चर्चा
बीजेपी में अब चर्चा नए नामों के लेकर है कि कौन पार्टी की कमान संभालेगा। पहले पार्टी अध्यक्ष पद के लिए जो नाम चर्चा में थे उन्हें अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा चुका है। एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव जैसे नेताओं के नाम की चर्चा चल रही थी। लेकिन इन सभी नेताओं को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिल गई है।
संघ ने सुझाए दो नाम
एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और शिवराज सिंह चौहान में से किसी एक को इस पद के लिए चुने जाने का सुझाव दिया था। संघ चाहता है कि इन दोनों मंत्रियों में से कोई एक सरकार से इस्तीफा देकर पार्टी अध्यक्ष का पद संभाले।
मोदी और शाह की पसंद है अलग
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह राजनाथ और शिवराज को भाजपा अध्यक्ष पद के लिए जाने नहीं देना चाहते। उनके पसंदीदा नेताओं में राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और सुनील बंसल शामिल हैं। ये दोनों नेता पार्टी में बड़े पद संभाल चुके हैं। दोनों में पार्टी चलाने का अनुभव भी है और वे संगठन में अपनी योग्यता भी साबित कर चुके हैं। इनमें से किसी एक की पार्टी प्रमुख के तौर पर नियुक्ति होने की उम्मीद ज्यादा है।
बताते चलें कि विनोद तावड़े, महाराष्ट्र से आते हैं और राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने से पहले राज्य सरकार में मंत्री थे। वर्तमान में वह बिहार के प्रभारी हैं और लोकसभा चुनाव के दौरान कई प्रमुख जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
वहीं सुनील बंसल जब यूपी के प्रभारी थे तब उनके काम की काफी चर्चा हुई। यूपी के बाद, बंसल को पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना का प्रभारी बनाया गया। लोकसभा चुनाव के दौरान बंसल ने देश भर में कॉल सेंटरों को भी संभाला, फीडबैक एकत्र किया और जमीन पर पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया। बंसल ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का विश्वास जीता है और पार्टी मामलों को सावधानीपूर्वक संभालने का हुनर उनके पास है।