मक्का-मदीना पहुंच रहे हज यात्रियों की मौत की संख्या लगातार बढ़ रही है। एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, लू और हीटस्ट्रोक के कारण मरने वालों की संख्या 900 पार कर गई है और 1400 हज यात्री लापता हैं। अरब अधिकारियों के मुताबिक, लू से मरने वालों में 600 अकेले मिस्रवासी हैं, जबकि 68 भारतीय हज यात्रियों की भी मौत हो गई है। हालांकि मक्का-मदीना में मरने वाले भारतीय हज यात्रियों की कुल संख्या 90 है।
सऊदी अरब में चिलचिलाती गर्मी के बीच हज यात्री मक्का-मदीना की यात्रा कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस्लाम के सबसे पवित्र शहर मक्का में अब तक यात्रा करने वाले लोगों की संख्या 1.8 मिलियन से अधिक है। हालांकि यहां गर्मी का सितम भी चल रहा है। सोमवार को यहां तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। बुधवार को एएफपी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि भीषण गर्मी औऱ लू के कहर के चलते मरने वालों की संख्या 900 पार कर गई है। अरब अधिकारियों के मुताबिक, मरने वालों में अकेले मिस्र से 600 लोगों की मौत हो गई।
एक अरब राजनयिक नाम न छापने की शर्त पर एएफपी को बताया कि मरने वालों में अकेले मिस्र से “कम से कम 600” मौत हो गई है। एक दिन पहले यह आंकड़ा 300 से थोड़ा अधिक था। उन्होंने बताया कि मौत की ज्यादातर वजह असहनीय गर्मी है। विभिन्न देशों द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, मक्का-मदीना की यात्रा में अब तक मृतकों की संख्या 922 तक पहुंच गई है। अरब राजनयिक ने कहा कि सऊदी अरब प्रशासन को मिस्र से लापता तीर्थयात्रियों की 1,400 रिपोर्टें मिली हैं, जिनमें से 600 ने दम तोड़ दिया है।
आलम यह है कि लोग अपने प्रियजनों की तलाश के लिए फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में मुहिम शुरू कर चुके हैं। लोग अपने प्रियजनों की तलाश कर रहे हैं। सऊदी अरब के एक अधिकारी ने बताया कि मरने वालों में ज्यादातर बुजुर्ग हजयात्री हैं, जो अत्यधिक गर्मी सहन नहीं कर पाए और हीटस्ट्रोक के कारण उनकी मौत हो गई है।
गौरतलब है कि हज यात्रा इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है और हर साल बड़े पैमाने पर लोग सऊदी अरब में मक्का-मदीना का दौरा करते हैं। इस वर्ष की हज यात्रा में भीषण गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और तापमान 50 डिग्री सेल्सियस पार कर गया है। साल 2023 में हज के दौरान 200 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी और 2000 से अधिक व्यक्तियों को गर्मी के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।