लिवर शरीर का जरूरी अंग है जो शरीर के टॉक्सिंस को खत्म करने का काम करता है। साथ ही ब्लड शुगर रेगुलेट करना और ऐसे बाइल्स प्रोड्यूस करना जो फैट और फैट सॉल्यूएबल विटामिंस को अब्जार्ब करने में मदद करता है। यहीं नहीं ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी मेंटेन करता है। तभी लिवर के खराब होने पर कई सारी सेहत से जुड़ी दिक्कतें होने लगती है। वैसे फैटी लिवर जैसी समस्या के शुरुआती कोई निश्चित लक्षण नहीं होते। लेकिन पैर में अगर आपके इस तरह की समस्याएं नजर आ रही हैं। तो इन्हें लिवर की खराबी का संकेत समझें और सही लाइफस्टाइल और डाइट की हेल्प लें।
पैर में दिखने वाले लिवर की खराबी के लक्षण
पैरों में दिखने वाले डार्क ब्राउन स्पॉट्स
पैरों में अगर लाल और भूरे रंग के धब्बे दिख रहें और साथ ही स्पाइडर वेन्स की समस्या है तो ये लिवर के सर्कुलेशन में दिक्कत का संकेत है। जिसमे लिवर ठीकर तरीके से बाइल को सर्कुलेट नहीं कर पाता है।
फटी एड़ियां
फटी एड़ियां आमतौर पर विटामिन बी3 और ओमेगा 6 की कमी की वजह से होती है।
पैरों में खुजली
पैरों में खुजली लिवर डिसीज का लक्षण हैं। कोलेस्टिक लिवर डिसीज जैसे प्राइमरी बाइलरी सिरोसिस। इस कंडीशन में बाइल लिवर में ब्लॉक हो जाता है या फिर डैमेज हो जाता है। जिसकी वजह से शरीर में बाइल बनना शुरू हो जाता है और पैरों में खुजली होती है। खासतौर पर हाथ और पैर में।
पैरों में दर्द
पैरों में दर्द के साथ दुर्गंध और पैरों में जलन या गर्माहट महसूस होना भी लिवर की खराबी का लक्षण है। इन लक्षणों से समझ आता है कि लिवर बॉडी के टॉक्सिंस को ठीक तरीके से डिटॉक्सिफाई नहीं कर पा रहा है। जिससे लोअर बॉडी पार्ट्स में टॉक्सिंस जमा होने लगते हैं। और पैरों में दर्द जैसी समस्या होने लगती है। कुछ लिवर डिसीज जैसे सिरोसिस वेरिकोज वेन्स की वजह बनता है। जिसकी वजह से पैरों में दर्द रहता है।
एडिमा, नेल फंगस
पैरों में सूजन हो और उसमे उंगली लगाते ही स्किन अंदर की तरफ धंस जाए तो इससे पिटिंग एडिमा कहते हैं। साथ ही पैरों के नाखूने में फंगस लगना, ये समस्याएं भी पेट से जुड़ी हैं। इन समस्याओं का संकेत है कि आंतों में फ्लोरा का इंबैलेंस है। साथ ही लिवर की खराबी का भी संकेत है।