जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही है वैसे वैसे सभी पार्टियों की जुबानी जंग तेज होती डा रही है। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोल लगाने का सिलसिला जारी है। ऐसे में ताजा विवाद झारखंड से सामने आया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य घटक दलों के नेता ‘डराने-धमकाने’ की राजनीति कर रहे हैं और निर्वाचन आयोग को विपक्षी नेताओं के हालिया बयानों का स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नेता नजरुल इस्लाम ने पिछले दिनों ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 400 फुट नीचे दफनाने की खुलेआम धमकी दी थी।’’
पूनावाला ने कहा, ‘‘झामुमो और ‘इंडिया’ गठबंधन के नेता नजरुल इस्लाम ने देश की जनता द्वारा निर्वाचित प्रधानमंत्री को मारने और दफनाने की धमकी देकर देश की जनशक्ति का अपमान किया है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि झामुमो नेता के बयान ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) गठबंधन की सोच को दिखाते हैं।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग को नजरुल इस्लाम के बयानों पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए और उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।’’ पूनावाला ने कहा, ‘‘दुर्व्यवहार, अपमान और डराने-धमकाने की यह राजनीति कोई संयोग नहीं बल्कि (विपक्ष की) सोची-समझी साजिश है। दो दिन पहले कांग्रेस के एक उम्मीदवार ने यह कहकर मोदी को मारने की बात कही थी कि वह आएंगे (चुनाव जीतेंगे) और मोदी मर जाएंगे।’’ इस्लाम ने मोदी के खिलाफ अपने अपमानजनक बयान के लिए बुधवार को माफी मांगते हुए कहा कि उनका इरादा किसी को आहत करने का नहीं था।
भाजपा की झारखंड इकाई ने मंगलवार को मोदी के खिलाफ इस्लाम के बयानों के मामले में उच्चस्तरीय जांच और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की। पूनावाला ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने हाल में एक आवासीय सोसायटी के निवासियों को धमकी दी थी कि अगर वे उनके भाई डी के सुरेश के लिए वोट नहीं डालेंगे तो उन्हें पानी की आपूर्ति नहीं की जाएगी। भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि इससे पहले कर्नाटक के मंत्री डी सुधाकर ने धमकी दी थी कि अगर लोग कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में वोट नहीं डालते हैं तो 25 करोड़ रुपये का विशेष अनुदान नहीं मिलेगा।