एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के रेहर खदान परियोजना में पांच माह पहले से पर्यावरण क्लीयरेंस के अभाव में बंद पड़ी रेहर खदान परियोजना में संडे ड्यूटी के नाम पर प्रबंधन अपने चहेतों को ड्यूटी पर लगा रहे हैं रेहर खदान परियोजना में गत वर्ष 1 नवंबर से पर्यावरण क्लीयरेंस खत्म होने के बाद नवनीकरण नहीं हो अपने से कोयला उत्पादन पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है इसके बावजूद यहां संडे ,पीएच ड्यूटी की लिस्ट कम होने का नाम नहीं ले रही है संडे, पीएच ड्यूटी पर अधिकारी वह कामगारों को सामान्य दिनों के मुकाबले दो गुना अथवा उसके अधिक वेतन प्राप्त होता है संडे पीएच ड्यूटी पाने के लिए कामगारों में काफी होड़ मची हुई रहती है सब अपना-अपना जुगाड व संघ संगठन से सोर सिफारिशों में जुड़े रहते हैं श्रमिक संघठन में भी एक लिस्ट जारी रहेगा जिसमे युनियन नेताओं के चहेतो का नाम लिस्ट में होता है जिससे चहेतो को ही संडे, पीएच ड्य़ूटी मिलती है संडे, पीएच ड्यूटी देने कंपनी ने बाकायदा नियम बना रखे हैं इसके बावजूद नियमों को तक पर रखकर खदान के मैनेजर ,सह क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा नियम कायदों का धज्जियां उड़ाते हुए कामगारों को संडे ,पीएच ड्यूटी देकर कंपनी को आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है संडे व हॉलीडे (छुट्टी पर) के दिन प्रबंधन बंद खदान में 90 से 100 कामगार की सूची जारी कर रहा है यह सिलसिला लगातार जारी है इसके अतिरिक्त खदान के पांच माह से अधिक समय से बंद होने के बावजूद यहां बिना काम के वेतन ले रहे कामगारों को दूसरे खदानों में भेजने का साहस प्रबंधन नहीं दिखा पा रहा है एक कामगार ने बताया कि संडे ड्यूटी में डबल हाजरी बनती है तो पीएच ड्यूटी में तीन हाजरी लगवाई जाती है इस वजह से कामगारों में संडे,पीएच ड्यूटी को लेकर अफ़रा-तफ़री मचीं रहतीं हैं सब कामगारों के हित में एसईसीएल कंपनी को संडे, पीएच ड्यूटी बंद कर देनी चाहिए !!
सहक्षेत्र प्रबंधक उग्रनाथ झा आरजीके – संडे पीएच ड्यूटी को लेकर एरिया से अप्रूवल मिला हुआ है इसके तहत ही कामगारों को ड्यूटी आवंटन किया जा रहा है आप क्षेत्रीय कार्यालय से इसकी पूरी जानकारी ले सकते हैं