राष्ट्रीय जनतांत्रिंक गठबंधन (राजग) के बैनर तले नौ नये प्रत्याशी पहली बार लोकसभा के रण में अपनी किस्मत आजमायेंगे।
इस बार के लोकसभा चुनाव में राजग में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 17 सीट, जनता दल यूनाईटेड (जदयू) 16 ,लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास ) पांच , हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेगी। भाजपा के टिकट पर तीन ,जदयू के टिकट पर तीन और लोजपा के टिकट पर भी तीन नये प्रत्याशी पहली बार लोकसभा के रण में अपनी किस्मत आजमायेंगे।
भाजपा के टिकट पर बक्सर सीट से बैकुंठपुर से पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी, सासराम (सु) सीट से पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिवंगत मुनि लाल के पुत्र और अगिआंव विधानसभा के पूर्व विधायक शिवेश राम और नवादा सीट से पूर्व केन्द्रीय मंत्री सी.पी.ठाकुर के पुत्र राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।पूर्व आइएस ऑफिसर मुनिलाल ने वर्ष 1996, 1998 और वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में सासाराम (सु) सीट पर भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी।
वहीं, जदयू के टिकट पर सीतामढ़ी सीट से बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर, किशनगंज सीट से कोचाधामन के पूर्व विधायक मुजाहिद आलम और सीवान से जीरादेई के पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा की पत्नी विजया लक्ष्मी देवी पहली बार लोकसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमायेंगी।
लोजपा के टिकट पर जमुई (सु) सीट से लोजपा-रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के जीजा औैर कांग्रेस की पूर्व मंत्री डॉ. ज्योति के पुत्र अरूण भारती, समस्तीपुर (सु) से पूर्व सांसद महबीर चौधरी की पोती और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी की पुत्री शांभवी चौधरी, तथा खगड़िया से भागलपुर के पूर्व डिप्टी मेयर राजेश वर्मा पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ेगे। देखना दिलचस्प होगा कि राजग के टिकट पर पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे
कितने नये प्रत्याशी बाजी अपने नाम कर संसद में पहुंचने में कामयाब हो पाते हैं।