प्री डायबिटीज में शरीर में दिखने लगते हैं ये लक्षण, हो जाएं अलर्ट

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डायबिटीज होने से पहले शरीर में जिस तरह के लक्षण दिखते हैं वो प्री डायबिटीज बोले जाते हैं। ज्यादातर लोगों को अपने प्रीडायबिटिक होने का पता नहीं होता है। प्री डायबिटिक होने का पता केवल ब्लड शुगर की जांच होने पर ही होता है। लेकिन सबसे खास बात अगर प्री डायबिटिक होने पर ही लाइफस्टाइल में सुधार कर लिया जाए तो डायबिटीज की बीमारी से बचा जा सकता है। अगर किसी के शरीर में इस तरह के लक्षण नजर आ रहे हैं तो फौरन उसे सावधान हो जाना चाहिए और अपने ब्लड शुगर की जांच जरूर करवानी चाहिए।

क्या है प्रीडायबिटिक
जब ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल से थोड़ा ज्यादा होता है लेकिन इतना नहीं कि डायबिटीज की श्रेणी में रखा जा सके तो उसे प्री डायबिटिक कहते हैं। ऐसे वक्त में लाइफस्टाइल में किए गए कुछ बदलाव डायबिटीज से बचा सकते हैं।

प्री डायबिटीज के लक्षण
इस क्रॉनिक कंडीशन में शरीर में ये लक्षण नजर आने लगते हैं।

कमर और पेट पर फैट
अगर शरीर का बीएमआई इंडेक्स ज्यादा है और महिलाओं में कमर 35 इंच से ज्यादा और पुरुषों में 40 इंच से ज्यादा है। तो ये संकेत है कि डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं।

स्किन पिग्मेंटेशन
अगर गर्दन और अंडर आर्म्स की स्किन ज्यादा काली और पिग्मेंटेड नजर आने लगी है तो संकेत है कि शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ रही है।

छोटे-छोटे मस्से
कई बार गर्दन और आसपास के हिस्से पर कुछ छोटे मस्से उभरने लगते हैं। ये संकेत इंसुलिन रेजिस्टेंस का होता है। इसे प्री डायबिटिक होने के संकेत समझना चाहिए। ऐसे में लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी होता है।

पीसीओएस
महिलाओं में पीसीओएस की समस्या भी प्रीडायबिटिक के संकेत हो सकते हैं। इसमे शरीर में मोटापा बढ़ता है और डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है।

हाथों में झनझनाहट
अगर हाथों में झनझनाहट महसूस होती है तो ये लक्षण भी प्री डायबिटीज के संकेत होते हैं।

एड़ियों में सूजन
पैर की एड़ियां अगर सूज जाती हैं तो ये प्री डायबिटीज होने के संकेत होते हैं।

थकान और कमजोरी
अगर खानपान के बाद भी शरीर थका हुआ और कमजोरी महसूस होती है। तो ये लक्षण प्री डायबिटीज होने के हो सकते हैं।

शुगर क्रेविंग
बहुत ज्यादा हर वक्त मीठा खाने की इच्छा होने लगती है तो ये भी प्री डायबिटीज होने के संकेत हैं।

कैसे कंट्रोल करें प्री डायबिटीज के लक्षण
अगर प्री डायबिटीज के लक्षण दिख रहे हैं तो लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करके डायबिटीज से बचा जा सकता है।

हर बार खाने के बाद 15-20 मिनट की वॉक जरूर करें।

इंटरमिटेंट फास्टिंग इन लक्षणों से राहत दिला सकती है।

इसके अलावा हर बार खाने में फाइबर की मात्रा का ध्यान रखें।

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